मोहबत इज्जत से शुरू होती है,
मोहब्बत इज्जत पर ही खत्म होती है।
खुदा या नाखुदा अब जिसको चाहो बख्श दो इज्जत,
हकीकत में तो कश्ती इत्तिफाकन बच गई अपनी।
वक्त, ऐतबार और इज्जत ये ऐसे परिंदे हैं,
जो एक बार उड़ जाए तो वापस नहीं आते।
अलग ही इज्जत है, चाय में, इलायची की भी,
हर किसी के लिए, नहीं डाली जाती।
लड़ सको दुनिया से जज्बों में वो शिद्दत चाहिये,
इश्क करने के लिये इतनी तो हिम्मत चाहिये,
कम से कम मैंने छुपा ली देखकर सिगरेट तुम्हें,
और इस लड़के से तुमको कितनी इज्जत चाहिये।
औरत प्यार मोहब्बत करने वाले को शायद भूल जाए,
पर इज्जत करने वालो को कभी नहीं भूलती।
लोगों से डरना छोड़ दो,
इज्जत ऊपरवाला देता है लोग नहीं।
मयखाने की इज्ज़त का सवाल था हुज़ूर,
सामने से गुजरे तो, थोड़ा सा लड़खड़ा दिए।
रिश्ता कोई भी हो बेकार है,
जब तक इज्जत और यकीन ना हो।
सोच रहे है सीख ले हम भी बेरुखी करना,
अपनी कदर खो दी है हमने सबको इज्जत देते देते।