गुलाम बने इस देश को आजाद तुमने कराया है,
सुरक्षित जीवन देकर तुमने कर्ज अपना चुकाया है,
दिल से तुमको नमन हैं करते,
ये आजाद वतन जो दिलाया है।
नहीं भूल सकते किसी भी बलिदान को,
हर शहीद का बदला लिया जायेगा।
अगर माटी के पुतले देह में ईमान जिन्दा हैं,
तभी इस देश की समृद्धि का अरमान जिन्दा हैं,
ना भाषण से है उम्मीदें ना वादों पर भरोसा हैं,
शहीदों की बदौलत मेरा हिन्दुस्तान जिन्दा है।
यदि प्रेरणा शहीदों से नहीं लेंगे,
तो ये आजादी ढलती हुई साँझ हो जायेगी
और पूजे न गए वीर तो सच कहता हूँ,
कि नौजवानी बाँझ हो जायेगी।
उनके हौसले का भुगतान क्या करेगा कोई,
उनकी शहादत का कर्ज देश पर उधार हैं,
आप और हम इसलिए खुशहाल हैं,
क्योकि सीमा पे सैनिक शहादत को तैयार हैं।
बस ये बात हवाओं को बताये रखना,
रौशनी होगी चिरागों को जलाए रखना,
लहू देकर भी जिसकी हिफाजत की शहीदों ने,
उस तिरंगे को सदा दिल में बसायें रखना।
आज वो दिन आया हैं,
जब दिल को मगन कर लो,
हर शहीद को नमन कर लो।
करीब कभी आओ तो कोई बात बने,
बुझी आग को जलाओ तो कोई बात बने,
सूख गया है जो लहू शहीदों का,
उसमें अपना खून मिलाओ तो कोई बात बने।
चूमा था वीरों ने फांसी का फंदा,
यूँ ही नहीं मिली थी आजादी खैरात में।
आज आसमान भी बहुत रोया है,
किसी गद्दार की वजह से,
मेरे देश ने एक फौजी खोया है।
ख़ुशी ख़ुशी गले लगाया था शहीदों ने फांसी का फंदा,
यूँ ही नहीं मिली थी आजादी खैरात में।
अधिकार कोई देता नहीं लिए जाते हैं,
प्यार मांगने से पहले सम्मान दिए जाते हैं,
याद करो उन वीरों की कुर्बानी को,
जो इस धरती के लिए जान न्यौछावर किये जाते है।
मन को खुद ही मगन कर लो,
कभी-कभी शहीदों को भी नमन कर लो।
आज़ादी की कभी शाम नही होने देंगे,
शहीदों की कुर्बानी बदनाम नही होने देंगे,
बची हो जो इस बूँद भी गर्म लहू की,
तब तक भारत के आंचल नीलाम नही होने देंगे।
चलो फिर से खुद को जगाते हैं,
अनुशासन का डंडा फिर घुमाते हैं,
सुनहरा रंग हैं गणतंत्र का, शहीदों के लहूँ से,
ऐसे शहीदों को हम सर झुकाते हैं।
लहू वतन के शहीदों का रंग लाया है,
उछल रहा है जमाने मे नाम-ऐ-आजादी।
करीब मुल्क के आओ तो कोई बात बने,
बुझी मशाल को जलाओ तो कोई बात बने,
सूख गया है जो लहू शहीदों का,
उसमें अपना लहू मिलाओ तो कोई बात बने।
है नमन उनको कि जो यशकाय को अमरत्व देकर,
इस जगत में शौर्य की जीवित कहानी हो गये हैं,
है नमन उनको जिनके सामने बौना हिमालय,
जो धरा पर गिर पड़े पर आसमानी हो गये हैं।
शहीदों के त्याग को हम बदनाम नही होने देंगे,
भारत की इस आजादी की कभी शाम नही होने देंगे।
लड़ें वो वीर जवानों की तरह,
ठंडा खून फ़ौलाद हुआ,
मरते-मरते भी की मार गिराए,
तभी तो देश आज़ाद हुआ।