इज्जत दोगे तो इज्जत पाओगे,
अकड़ दिखाओगे तो हमारा कुछ नहीं उखाड़ पाओगे !
इज़्ज़त हमेशा इज़्ज़तदार लोग ही करते है,
जिनके पास खुद इज़्ज़त नहीं,
वो किसी दूसरे को क्या इज़्ज़त देगे।
लड़ सको दुनिया से जज्बों में वो शिद्दत चाहिये,
इश्क करने के लिये इतनी तो हिम्मत चाहिये,
कम से कम मैंने छुपा ली देखकर सिगरेट तुम्हें,
और इस लड़के से तुमको कितनी इज्जत चाहिये।
छोड़ दिया मैने लोगों के पीछे चलना,
क्योंकि मैंने जिसको जितनी ज्यादा इज्जत दी,
उसने मुझे उतना ही गिरा हुआ समझा।
आजकल वह लोग हमें इज्जत करना सिखा रहे हैं,
जिन्हें अपनी इज्जत के आगे,
दूसरों की इज्जत की परवाह नहीं होती।
खुदा या नाखुदा अब जिसको चाहो बख्श दो इज्जत,
हकीकत में तो कश्ती इत्तिफाकन बच गई अपनी।
औरत प्यार मोहब्बत करने वाले को शायद भूल जाए,
पर इज्जत करने वालो को कभी नहीं भूलती।
रिश्ता कोई भी हो बेकार है,
जब तक इज्जत और यकीन ना हो।
मेहनत करे तो धन बने, सब्र करे तो काम,
मीठा बोले तो पहचान बने, और इज्जत करे तो नाम।
आज हम ऐसे समाज का हिस्सा हैं दोस्तो,
जहां बाप की इज्जत बेटी के हाथो मे होती है,
लेकिन बाप की जायदाद के कागज,
बेटों के हाथो के होते है।