जो दूसरों को इज्जत देता है,
असल में वह खुद इज्जतदार होता है,
क्योंकि इंसान दूसरों को वही दे पाता है,
जो उसके पास होता है।
गर्व करना है तो अपनी पिता की इज्जत पर करो,
धन पर नहीं,
इज्जत कमाने मे उम्र बीत जाती हैं,
और धन कभी भी कमा सकते हैं।
आजकल वह लोग हमें इज्जत करना सिखा रहे हैं,
जिन्हें अपनी इज्जत के आगे,
दूसरों की इज्जत की परवाह नहीं होती।
माँ और बीवी दोनों को,
हमेशा बेपनाह प्यार ओर इज्जत दो,
एक तुम्हे इस दुनिया में लाई है,
और दूसरी सारी दुनिया को छोड़कर तुम्हारे पास आई है।
मोहब्बत की पहली शर्त इज्जत है,
जो इज्जत नही दे सकता,
वो सच्चा प्यार भी नही दे सकता।
लोग दौलत देखते है, हम इज्जत देखते है,
लोग मंजिल देखते है, हम सफर देखते है,
लोग दोस्ती बनाते है, और हम उसे निभाते है।
जो दूसरों को इज्जत देता है,
असल में वह खुद इज्जतदार होता है,
क्योंकि इंसान दूसरों को वही दे पाता है,
जो उसके पास होता है।