अजीब सबूत माँगा उसने मेरी मोहब्बत का,
की मुझे भूल जाओ तो मानू मोहब्बत है।
मेरी बर्बादी पर तो कोई मलाल न करना,
भूल जाना मेरा ख्याल न करना,
हम तेरी ख़ुशी के लिए कफ़न आढ़ लेंगे,
पर तुम मेरी लाश से कोई सवाल मत करना।
मैं क्यों कहू उससे की मुझसे बात करो,
क्या उसे नहीं मालूम की
उसके बिना दिल नहीं लगता मेरा।
यकीन था कि तुम भूल जाओगे मुझको,
ख़ुशी है की हम उम्मीद पर खरे उतरे।
याद करते है तुम्हे तनहाई में,
दिल डूबा है गमो की गहराई में,
हमें मत ढूंढना दुनिया की भीड़ में,
हम मिलेंगे में तुम्हे तुम्हारी परछाई में।
तू भी आईने की तरह बेवफा निकली,
जो भी सामने आया उसी के हो गई।
कभी जो कहते थे हमे की मेरी ज़िन्दगी हो तुम,
आज वो हमे कहते है की एक बेवफा हो तुम,
कभी जिस के लिए ज़िन्दगी जीने की वजह थे हम,
आज वो कहते है की एक सजा हो तुम।
जब कोई किसी का साथ छोड़ता है,
तो सिर्फ आँखे नही दिल भी रोता है।
है अगर हमारी कोई खता तो साबित कर,
अगर बुरे हैं हम तो बुरा साबित कर,
तुझा चाहा है हमने कितना तो किया जाने,
चल हम बेवफा ही सही तो अपनी वफ़ा साबित कर।
दिल तोड़ कर जाने वाले जरा इतना तो बता दे,
यह सजा प्यार करने की है यह वफ़ा करने की।
आरजू नहीं की ग़म का तूफान टल जाए,
फ़िक्र तो ये है तेरा दिल ना बदल जाए,
भुलाना हो अगर मुझे तो एक एहसान करना,
दर्द इतना देना कि मेरी जान ही निकल जाए।
उजड़ जाते हैं सर से पाँव तक वो लोग जो,
किसी बेपरवाह से बेपनाह मोहब्बत कर लेते हैं।
जिंदगी की हक़ीकत सिर्फ इतनी होती है,
जब जागता है इंसान तो किस्मत सोती है,
जिस पर हम अपना हक़ जमाते है,
वो अमानत अक्सर किसी और की होती है।
मैंने सोचा था समझोगे तुम मेरे हालात,
लेकिन तुमनें तो खयालात ही बदल दिए।
अपने हिस्से की जिंदगी तो हम जी चुके,
अब तो बस धड़कनो का लिहाज करते हैं,
क्या कहे हम इन दुनिया वालों को,
हम आखिरी सांस पर भी ऐतराज़ करते हैं।
अधूरी हसरतो का आज भी इल्जाम है तुम पर,
अगर तुम चाहते तो मोहब्बत खतम न होती।
अपने दिल कि सुन अफवाहों से काम ना ले,
मुझे याद रख बेशक नाम ना ले,
तेरा वेहम है की मैं भुला हूं तुझे,
मेरी कोई ऐसी सांस नहीं जो तेरा नाम ना ले।
आखिरी बार तेरे प्यार को सजदा कर लु,
लौट के फिर तेरी महफिल में नहीं आउंगा,
अपनी बरबाद मोहब्बत का जनाज़ा लेकर,
तेरी दुनिया से बहुत दूर चला जाउंगा।
कितनी झुठी होती है मोहब्बत की कसम,
देखो तुम्हारी कसम से मै अभी भी जिंदा हूं।
अब हम तेरी राह में नहीं आएंगे,
अगर आए तो तुझसे नज़र नहीं मिलाएंगे,
जब होगा तुझे अपनी गलती का एहसास,
उस वक़्त हम किसी और के हो जाएंगे।
उनका मिलना तकदीर में नहीं था,
मैंने क्या कुछ नहीं किया उसे पाने के लिए।
साथ में गुजारी हर वो शाम भूल गए,
मोहब्बत वाली बातें तमाम भूल गए,
कायनात में बोहोत कम है सच्चा प्यार करने वाले,
फिर भी गिला यही है कि तुम मेरा नाम भूल गए।
सोचता रहा ये रातभर करवट बदल बदल कर,
जानें वो क्यों बदल गया मुझको इतना बदल कर।
जुदा होकर तुमने चुनली अपनी ज़िन्दगी,
मगर मेरी तो ज़िन्दगी ही तुम थे,
बताओ कैसे जीउ मैं अपनी ज़िन्दगी।
अपनी बेवफाई को तुम थोड़ा आसान कर लेते,
जाने से पहले तुम एक मुलाकात कर लेते।
वो बिछड़ के हमसे दूरी कर गए,
ना जाने क्यों ये मोहब्बत अधूरी कर गए,
अब हमें तन्हाईया रुलाती है तो क्या हुआ,
कम से कम वो अपनी ख्वाइशे पूरी कर गए।
तुम्हारा मैसेज आये न आये,
तुम्हारा ख्याल ज़रूर आता है।
वक़्त के मोड़ पे ये कैसा वक़्त आया है,
ज़ख़्म दिल का ज़ुबाँ पर आया है,
न रोते थे कभी काँटों की चुभन से,
आज न जाने क्यों फूलों की खुशबू से रोना आया है।
पता तो मुझे भी था कि लोग बदल जाते हैं,
पर मैंने तुम्हें उन लोगों में कभी गिना ही नहीं था।
माना के मुझसे वह खफा रहे होंगे,
हो सकता है वह मुझे आज़मा रहे होंगे,
हम उतनी ही शिद्दत से याद करेंगे उन्हें,
जितनी शिद्दत से वह हमें भुला रहे होंगे।