ऐ सावन की बारिश जरा थम के बरस,
जब मेरा सनम आ जाए तो जम के बरस,
पहले ना बरस कि वो आ न सके,
जब वो आ जाए तो इतना बरस कि वो जा न सके।
गर्मी हो गयी थोड़ी कम,
क्यूंकि सावन का हुआ वेलकम,
महक लो इस बारिश में ,
कही ये ना हो जाये कम।
गर्मियों में राहत देता है सावन,
चुरा लेता है हर किसी का मन,
महक जाता है हर एक इंसान,
जैसे बेजान में भी आ जाये प्राण।
फिजाओं में रंग कुछ इस तरह मिल जाएँ,
कि मुरझाई हुई कलियाँ खिल जाएँ,
अबके सावन मिले हम एक दूजे से कुछ ऐसे
कि मैं तुझमें घुल जाऊं, तू मुझमें घुल जाएँ।
सावन की आज पहली बारिश है,
वो मिल जाये बस ये गुज़ारिश है,
दोनों मिलकर भीग ले इस मौसम में,
लगाई मैंने खुदा से सिफारिश है।
सावन का अंदाज़ बड़ा लुभाता,
सौंधी खुशबू से सबको महकाता,
इस बारिश का मज़ा लेने के लिए,
हर कोई अपने घर से निकल आता।
बारिश का हो गया आगाज़,
बादलो से निकली है आवाज,
घर से बहार आ जाओ सब,
और देखो सावन का मिज़ाज़।
सावन का अंदाज़ लुभाता है,
अच्छी खुशबू से महकाता है,
बारिश का आनंद लेने के लिए,
हर कोई घर से बाहर आता है।
इस सावन में हम भीग जायेंगे,
दिल में तमन्ना के फूल खिल जायेंगे,
अगर दिल करे मिलने को तो याद करना,
बरसात बनकर हम बरस जायेंगे।
तुम सावन की बारिश
मैं पौधों की हरियाली प्रिये,
प्रेम मेरा बड़ा ही सच्चा है
सिर्फ सूरत मेरी सांवली प्रिये।