सावन की रुत आ पहुँची काले बादल छाएँगे,
कलियाँ रंग में भीगेंगी फूलों में रस आएँगे,
हाँ वो मिलने आएँगे रहम भी कुछ फ़रमाएँगे,
हुस्न मगर चुटकी लेगा फिर क़ातिल बन जाएँगे।
जब-जब घिरे बादल तेरी याद आई,
जब झूम के बरसा सावन तेरी याद आई।
बारिश की टिप-टिप आवाज़,
मेरे दर्द-ऐ-दिल को और गहरा कर जाती है,
तुम नहीं हो मेरे साथ,
ये सावन की रुत जता जाती है।
सावन की रुत आ पहुँची काले बादल छाएँगे,
कलियाँ रंग में भीगेंगी फूलों में रस आएँगे,
हाँ वो मिलने आएँगे रहम भी कुछ फ़रमाएँगे,
हुस्न मगर चुटकी लेगा फिर क़ातिल बन जाएँगे।
सावन की बुंदे टूट टूट कर तुझपर बिखरी है,
कसम से हम भी बिखर गए तुझे देखकर।
मौसम ने साजिश कर दी,
इस बार सुहाना सावन आया है।
मेरी मोहब्बत तुमसे है सावन से नहीं,
फिर चाहे वो हमें कितना भी तड़पाले।
किस किस की नाव डूबी है बारिश में,
किस किस ने खेला है खेल बारिश में,
कितना प्यारा था वो बचपन का सावन,
अब बस यादों में ही रह गया वैसा सावन।
घायल है दिल मेरा तड़पता बोहोत है,
इन आंखों का सावन बरसता बोहोत है।
अगर हृदय में प्रेम की बारिश हो,
तो हर मौसम सावन से कम नहीं होता।
सावन का अंदाज़ लुभाता है,
अच्छी खुशबू से महकाता है,
बारिश का आनंद लेने के लिए,
हर कोई घर से बाहर आता है।
क्या सावन की बूंदे उनके पास नहीं जाती,
जो वो बेचैन होकर मेरे पास नहीं आती।
सावन में खुशियाँ कैसे चुराते है बताओगे क्या,
बारिश में मैं भीग रही हूँ तुम भी आओगे क्या।
गर्मियों में राहत देता है सावन,
चुरा लेता है हर किसी का मन,
महक जाता है हर एक इंसान,
जैसे बेजान में भी आ जाये प्राण।
सावन की बूंदे दे रही है दस्तक,
इस साल का सावन आप सभी को मुबारक।
मिटटी की सौंधी सी खुशबू आने लगी है,
गर्मी अब दूर भाग जाने लगी है,
देखो प्यास भी अब बुझ जाने लगी है,
लगता है सावन की रुत छाने लगी है।
सावन-भादों साठ ही दिन हैं, फिर वो रुत की बात कहाँ,
अपने अश्क मुसलसल बरसें, अपनी-सी बरसात कहाँ।
सूनसान सड़के हो और हम दोनों राहों में हो,
खूब जोर से बारिश हो और हम एक दुसरे के बाहो में हो,
तू दूर जाएँ मगर तेरी ख्वाहिश ना हो,
सावन झूम कर आये मगर बारिश ना हो।
आँखें मेरी सावन की तरह बरसती है,
उसे एक बार जी भरकर देखने को तरसती है।
मेरे दिल का मौसम भी सावन जैसा आज हो जाये,
बस पल भर के लिए ही अगर उसे मुझसे प्यार हो जाये।
इस बारिश के मौसम में अजीब सी कशिश है,
ना चाहते हुए भी कोई शिदत से याद आता है।