जहां इज्जत ना मिले वहा रहना छोड़ दो,
चाहे वो किसी का घर का हो या किसीका दिल।
अलग ही इज्जत है, चाय में, इलायची की भी,
हर किसी के लिए, नहीं डाली जाती।
खुद्दारियों में हद से गुजर जाना चाहिए,
इज्ज़त से जी न पाये तो मर जाना चाहिए।
इज्जत देखि तो सिर्फ खुदा के घर देखी,
जहां रो भी लो तो जमाना तमाशा नही बनाता।
शिकायतों की भी इज्जत है,
हर किसी ने नहीं की जाती।
उस घर के किसी काम में कभी बरकत नहीं होती,
जिस घर में माँ बाप की इज्जत नहीं होती।
लड़ सको दुनिया से जज्बों में वो शिद्दत चाहिये,
इश्क करने के लिये इतनी तो हिम्मत चाहिये,
कम से कम मैंने छुपा ली देखकर सिगरेट तुम्हें,
और इस लड़के से तुमको कितनी इज्जत चाहिये।
वक्त, ऐतबार और इज्जत ये ऐसे परिंदे हैं,
जो एक बार उड़ जाए तो वापस नहीं आते।
न छेड़ा करो बात बात पे एडमिन को यारो,
पूरे ग्रुप में उसकी बेइज्जती खराब होती है।
गर्व करना है तो अपनी पिता की इज्जत पर करो,
धन पर नहीं,
इज्जत कमाने मे उम्र बीत जाती हैं,
और धन कभी भी कमा सकते हैं।