अगर हृदय में प्रेम की बारिश हो,
तो हर मौसम सावन से कम नहीं होता।
जिसके दिल के अरमान अधूरे हो,
वहाँ सावन की बारिश ना हो।
आँखें मेरी सावन की तरह बरसती है,
उसे एक बार जी भरकर देखने को तरसती है।
सावन की रुत आ पहुँची काले बादल छाएँगे,
कलियाँ रंग में भीगेंगी फूलों में रस आएँगे,
हाँ वो मिलने आएँगे रहम भी कुछ फ़रमाएँगे,
हुस्न मगर चुटकी लेगा फिर क़ातिल बन जाएँगे।
गर्मी हो गयी थोड़ी कम,
क्यूंकि सावन का हुआ वेलकम,
महक लो इस बारिश में ,
कही ये ना हो जाये कम।
उनको क्या खबर मेरे अश्कों की,
सावन उन पर ज्यादा मेहरबान रहता है।
ये सावन बड़ी है मन भावन,
धरती का हर कोना कर दे पावन।
जब-जब घिरे बादल तेरी याद आई,
जब झूम के बरसा सावन तेरी याद आई।
ये बेदर्द सावन आखिर क्यों आता है,
मेरे दिल के घावों को हरा कर जाता है।
क्या सावन की बूंदे उनके पास नहीं जाती,
जो वो बेचैन होकर मेरे पास नहीं आती।