सावन के बारिश में अब वो बात कहाँ,
जो बात मेरी इन आँखों की बरसातों में है।
जिसके दिल के अरमान अधूरे हो,
वहाँ सावन की बारिश ना हो।
मौसम ने साजिश कर दी,
इस बार सुहाना सावन आया है।
दो टके की नौकरी करने वालो,
लाखों का सावन आ रहा है।
बारिश की टिप-टिप आवाज़,
मेरे दर्द-ऐ-दिल को और गहरा कर जाती है,
तुम नहीं हो मेरे साथ,
ये सावन की रुत जता जाती है।
मौसम का अंदाज़ भाया है,
नए सवेरे साथ लाया है,
दरवाज़ा खोल के देखो,
भीगा हुआ सावन आया है।
गर्मियों में राहत देता है सावन,
चुरा लेता है हर किसी का मन,
महक जाता है हर एक इंसान,
जैसे बेजान में भी आ जाये प्राण।
ऐ सावन की बारिश जरा थम के बरस,
जब मेरा सनम आ जाए तो जम के बरस,
पहले ना बरस कि वो आ न सके,
जब वो आ जाए तो इतना बरस कि वो जा न सके।
सावन के महीने में भीगे थे हम साथ में,
अब बिन मौसम भीग रहे है तेरी याद में।
सूनसान सड़के हो और हम दोनों राहों में हो,
खूब जोर से बारिश हो और हम एक दुसरे के बाहो में हो,
तू दूर जाएँ मगर तेरी ख्वाहिश ना हो,
सावन झूम कर आये मगर बारिश ना हो।