सावन का अंदाज़ लुभाता है,
अच्छी खुशबू से महकाता है,
बारिश का आनंद लेने के लिए,
हर कोई घर से बाहर आता है।
गर्मी हो गयी थोड़ी कम,
क्यूंकि सावन का हुआ वेलकम,
महक लो इस बारिश में ,
कही ये ना हो जाये कम।
फिजाओं में रंग कुछ इस तरह मिल जाएँ,
कि मुरझाई हुई कलियाँ खिल जाएँ,
अबके सावन मिले हम एक दूजे से कुछ ऐसे
कि मैं तुझमें घुल जाऊं, तू मुझमें घुल जाएँ।
यूँ सावन में तुम मुझे दूर जाया न करो,
जाया करों तो मुझे याद आया न करो,
याद आया करों तो मुझे तड़पाया न करो,
तड़पाया करो मगर सावन में जाया न करो।
तुम सावन की बारिश
मैं पौधों की हरियाली प्रिये,
प्रेम मेरा बड़ा ही सच्चा है
सिर्फ सूरत मेरी सांवली प्रिये।
कोयल की सुरीली तानों पर,
थम थम के पपीहा गाता है,
हल हो के हवा की लहरों में,
सावन का महीना आता है।
इस सावन में हम भीग जायेंगे,
दिल में तमन्ना के फूल खिल जायेंगे,
अगर दिल करे मिलने को तो याद करना,
बरसात बनकर हम बरस जायेंगे।