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Home Barish Shayari Sawan Ki Barish Shayari in Hindi - सावन की बारिश शायरी इन हिंदी

किस किस की नाव डूबी है बारिश में

किस किस की नाव डूबी है बारिश मेंकिस किस की नाव डूबी है बारिश में,
किस किस ने खेला है खेल बारिश में,
कितना प्यारा था वो बचपन का सावन,
अब बस यादों में ही रह गया वैसा सावन।

क्या सावन की बूंदे उनके पास नहीं जातीक्या सावन की बूंदे उनके पास नहीं जाती,
जो वो बेचैन होकर मेरे पास नहीं आती।

सावन का अंदाज़ बड़ा लुभातासावन का अंदाज़ बड़ा लुभाता,
सौंधी खुशबू से सबको महकाता,
इस बारिश का मज़ा लेने के लिए,
हर कोई अपने घर से निकल आता।

बारिश का हो गया आगाज़ बादलो से निकली है आवाजबारिश का हो गया आगाज़,
बादलो से निकली है आवाज,
घर से बहार आ जाओ सब,
और देखो सावन का मिज़ाज़।

वक़्ते-रुख़सत तैरती है जो किसी की आँख मेंवक़्ते-रुख़सत तैरती है जो किसी की आँख में,
सारे सावन पानी भरते उस नमी के सामने।

गर्मी हो गयी थोड़ी कम क्यूंकि सावन का हुआ वेलकमगर्मी हो गयी थोड़ी कम,
क्यूंकि सावन का हुआ वेलकम,
महक लो इस बारिश में ,
कही ये ना हो जाये कम।

सावन एक महीने क़ैसर आँसू जीवन भरसावन एक महीने क़ैसर आँसू जीवन भर,
इन आँखों के आगे बादल बे-औक़ात लगे।

किस किस की नाव डूबी है बारिश मेंकिस किस की नाव डूबी है बारिश में,
किस किस ने खेला है खेल बारिश में,
कितना प्यारा था वो बचपन का सावन,
अब बस यादों में ही रह गया वैसा सावन।

सावन आता है और चला भी जाता हैसावन आता है और चला भी जाता है,
मगर एक सावन हमेशा मेरी आंखो में रहता है।

सावन में खुशियाँ कैसे चुराते है बताओगे क्यासावन में खुशियाँ कैसे चुराते है बताओगे क्या,
बारिश में मैं भीग रही हूँ तुम भी आओगे क्या।

घायल है दिल मेरा तड़पता बोहोत हैघायल है दिल मेरा तड़पता बोहोत है,
इन आंखों का सावन बरसता बोहोत है।

तुम छत पे नही आए मैं घर से नही निकलातुम छत पे नही आए मैं घर से नही निकला,
ये चाँद बहुत भटका सावन की घटाओ में।

इस बारिश के मौसम में अजीब सी कशिश हैइस बारिश के मौसम में अजीब सी कशिश है,
ना चाहते हुए भी कोई शिदत से याद आता है।

बारिश की टिप-टिप आवाज़ मेरे दर्द-ऐ-दिल को और गहराबारिश की टिप-टिप आवाज़,
मेरे दर्द-ऐ-दिल को और गहरा कर जाती है,
तुम नहीं हो मेरे साथ,
ये सावन की रुत जता जाती है।

सावन की रुत आ पहुँची काले बादल छाएँगेसावन की रुत आ पहुँची काले बादल छाएँगे,
कलियाँ रंग में भीगेंगी फूलों में रस आएँगे,
हाँ वो मिलने आएँगे रहम भी कुछ फ़रमाएँगे,
हुस्न मगर चुटकी लेगा फिर क़ातिल बन जाएँगे।

सावन की बुंदे टूट टूट कर तुझपर बिखरी हैसावन की बुंदे टूट टूट कर तुझपर बिखरी है,
कसम से हम भी बिखर गए तुझे देखकर।

सावन की आज पहली बारिश हैसावन की आज पहली बारिश है,
वो मिल जाये बस ये गुज़ारिश है,
दोनों मिलकर भीग ले इस मौसम में,
लगाई मैंने खुदा से सिफारिश है।

तुम सावन की बारिश मैं पौधों की हरियाली प्रियेतुम सावन की बारिश
मैं पौधों की हरियाली प्रिये,
प्रेम मेरा बड़ा ही सच्चा है
सिर्फ सूरत मेरी सांवली प्रिये।

सावन-भादों साठ ही दिन हैं फिर वो रुत की बात कहाँसावन-भादों साठ ही दिन हैं, फिर वो रुत की बात कहाँ,
अपने अश्क मुसलसल बरसें, अपनी-सी बरसात कहाँ।

दो टके की नौकरी करने वालोदो टके की नौकरी करने वालो,
लाखों का सावन आ रहा है।

ये सावन बड़ी है मन भावनये सावन बड़ी है मन भावन,
धरती का हर कोना कर दे पावन।


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