सावन के बारिश में अब वो बात कहाँ,
जो बात मेरी इन आँखों की बरसातों में है।
सावन की रुत आ पहुँची काले बादल छाएँगे,
कलियाँ रंग में भीगेंगी फूलों में रस आएँगे,
हाँ वो मिलने आएँगे रहम भी कुछ फ़रमाएँगे,
हुस्न मगर चुटकी लेगा फिर क़ातिल बन जाएँगे।
सावन आता है और चला भी जाता है,
मगर एक सावन हमेशा मेरी आंखो में रहता है।
ये सावन बड़ी है मन भावन,
धरती का हर कोना कर दे पावन।
किस किस की नाव डूबी है बारिश में,
किस किस ने खेला है खेल बारिश में,
कितना प्यारा था वो बचपन का सावन,
अब बस यादों में ही रह गया वैसा सावन।
सावन एक महीने क़ैसर आँसू जीवन भर,
इन आँखों के आगे बादल बे-औक़ात लगे।
सावन का अंदाज़ बड़ा लुभाता,
सौंधी खुशबू से सबको महकाता,
इस बारिश का मज़ा लेने के लिए,
हर कोई अपने घर से निकल आता।
सावन की बूंदे दे रही है दस्तक,
इस साल का सावन आप सभी को मुबारक।
सावन के महीने में भीगे थे हम साथ में,
अब बिन मौसम भीग रहे है तेरी याद में।
क्यो ज़ख्म दे रही है सावन की पहली बारिश,
बहुत याद आ रहे हैं हमको भुलाने वाले।