सावन की रुत आ पहुँची काले बादल छाएँगे,
कलियाँ रंग में भीगेंगी फूलों में रस आएँगे,
हाँ वो मिलने आएँगे रहम भी कुछ फ़रमाएँगे,
हुस्न मगर चुटकी लेगा फिर क़ातिल बन जाएँगे।
सावन का अंदाज़ लुभाता है,
अच्छी खुशबू से महकाता है,
बारिश का आनंद लेने के लिए,
हर कोई घर से बाहर आता है।
दो टके की नौकरी करने वालो,
लाखों का सावन आ रहा है।
मेरे दिल का मौसम भी सावन जैसा आज हो जाये,
बस पल भर के लिए ही अगर उसे मुझसे प्यार हो जाये।
जब-जब घिरे बादल तेरी याद आई,
जब झूम के बरसा सावन तेरी याद आई।
सावन आता है और चला भी जाता है,
मगर एक सावन हमेशा मेरी आंखो में रहता है।
जिसके दिल के अरमान अधूरे हो,
वहाँ सावन की बारिश ना हो।
सावन का महिना, बारिश थी ज़ोरो कि,
अपनों की महफिल में शिकायत थी ओरो की।
वक़्ते-रुख़सत तैरती है जो किसी की आँख में,
सारे सावन पानी भरते उस नमी के सामने।