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Home Barish Shayari Sawan Ki Barish Shayari in Hindi - सावन की बारिश शायरी इन हिंदी

जब-जब घिरे बादल तेरी याद आई

जब-जब घिरे बादल तेरी याद आईजब-जब घिरे बादल तेरी याद आई,
जब झूम के बरसा सावन तेरी याद आई।

क्या सावन की बूंदे उनके पास नहीं जातीक्या सावन की बूंदे उनके पास नहीं जाती,
जो वो बेचैन होकर मेरे पास नहीं आती।

दो टके की नौकरी करने वालोदो टके की नौकरी करने वालो,
लाखों का सावन आ रहा है।

सावन की रुत आ पहुँची काले बादल छाएँगेसावन की रुत आ पहुँची काले बादल छाएँगे,
कलियाँ रंग में भीगेंगी फूलों में रस आएँगे,
हाँ वो मिलने आएँगे रहम भी कुछ फ़रमाएँगे,
हुस्न मगर चुटकी लेगा फिर क़ातिल बन जाएँगे।

गर्मियों में राहत देता है सावनगर्मियों में राहत देता है सावन,
चुरा लेता है हर किसी का मन,
महक जाता है हर एक इंसान,
जैसे बेजान में भी आ जाये प्राण।

झड़ी ऐसी लगा दी है मेरे अश्कों की बारिश नेझड़ी ऐसी लगा दी है मेरे अश्कों की बारिश ने,
दबा रक्खा है भादों को भुला रक्खा है सावन को।

वक़्ते-रुख़सत तैरती है जो किसी की आँख मेंवक़्ते-रुख़सत तैरती है जो किसी की आँख में,
सारे सावन पानी भरते उस नमी के सामने।

सावन की बूंदे दे रही है दस्तकसावन की बूंदे दे रही है दस्तक,
इस साल का सावन आप सभी को मुबारक।

इस बारिश के मौसम में अजीब सी कशिश हैइस बारिश के मौसम में अजीब सी कशिश है,
ना चाहते हुए भी कोई शिदत से याद आता है।

कोयल की सुरीली तानों पर थम थम के पपीहा गाता हैकोयल की सुरीली तानों पर,
थम थम के पपीहा गाता है,
हल हो के हवा की लहरों में,
सावन का महीना आता है।

सावन का अंदाज़ बड़ा लुभातासावन का अंदाज़ बड़ा लुभाता,
सौंधी खुशबू से सबको महकाता,
इस बारिश का मज़ा लेने के लिए,
हर कोई अपने घर से निकल आता।

बारिश की टिप-टिप आवाज़ मेरे दर्द-ऐ-दिल को और गहराबारिश की टिप-टिप आवाज़,
मेरे दर्द-ऐ-दिल को और गहरा कर जाती है,
तुम नहीं हो मेरे साथ,
ये सावन की रुत जता जाती है।

ये बेदर्द सावन आखिर क्यों आता हैये बेदर्द सावन आखिर क्यों आता है,
मेरे दिल के घावों को हरा कर जाता है।

तुम छत पे नही आए मैं घर से नही निकलातुम छत पे नही आए मैं घर से नही निकला,
ये चाँद बहुत भटका सावन की घटाओ में।

सावन-भादों साठ ही दिन हैं फिर वो रुत की बात कहाँसावन-भादों साठ ही दिन हैं, फिर वो रुत की बात कहाँ,
अपने अश्क मुसलसल बरसें, अपनी-सी बरसात कहाँ।

वो भला क्यूँ कदर करते हमारे अश्को कीवो भला क्यूँ कदर करते हमारे अश्को की,
सुना है सावन उनके शहर पर कुछ ज्यादा मेहरबान रहता है।

सावन आता है और चला भी जाता हैसावन आता है और चला भी जाता है,
मगर एक सावन हमेशा मेरी आंखो में रहता है।

जिसके दिल के अरमान अधूरे होजिसके दिल के अरमान अधूरे हो,
वहाँ सावन की बारिश ना हो।

सावन में खुशियाँ कैसे चुराते है बताओगे क्यासावन में खुशियाँ कैसे चुराते है बताओगे क्या,
बारिश में मैं भीग रही हूँ तुम भी आओगे क्या।

जब-जब घिरे बादल तेरी याद आईजब-जब घिरे बादल तेरी याद आई,
जब झूम के बरसा सावन तेरी याद आई।

तुम सावन की बारिश मैं पौधों की हरियाली प्रियेतुम सावन की बारिश
मैं पौधों की हरियाली प्रिये,
प्रेम मेरा बड़ा ही सच्चा है
सिर्फ सूरत मेरी सांवली प्रिये।


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