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Home Barish Shayari Sawan Ki Barish Shayari in Hindi - सावन की बारिश शायरी इन हिंदी

तुम सावन की बारिश मैं पौधों की हरियाली प्रिये

तुम सावन की बारिश मैं पौधों की हरियाली प्रियेतुम सावन की बारिश
मैं पौधों की हरियाली प्रिये,
प्रेम मेरा बड़ा ही सच्चा है
सिर्फ सूरत मेरी सांवली प्रिये।

दो टके की नौकरी करने वालोदो टके की नौकरी करने वालो,
लाखों का सावन आ रहा है।

सावन का महिना बारिश थी ज़ोरो किसावन का महिना, बारिश थी ज़ोरो कि,
अपनों की महफिल में शिकायत थी ओरो की।

सूनसान सड़के हो और हम दोनों राहों में होसूनसान सड़के हो और हम दोनों राहों में हो,
खूब जोर से बारिश हो और हम एक दुसरे के बाहो में हो,
तू दूर जाएँ मगर तेरी ख्वाहिश ना हो,
सावन झूम कर आये मगर बारिश ना हो।

काश मेरी एक ख्वाइश पूरी हो जाएकाश मेरी एक ख्वाइश पूरी हो जाए,
वो बचपन का सावन वो कागज की कश्ती,
और वो बारिश का पानी मिल जाए।

उनको क्या खबर मेरे अश्कों कीउनको क्या खबर मेरे अश्कों की,
सावन उन पर ज्यादा मेहरबान रहता है।

मेरे दिल का मौसम भी सावन जैसा आज हो जायेमेरे दिल का मौसम भी सावन जैसा आज हो जाये,
बस पल भर के लिए ही अगर उसे मुझसे प्यार हो जाये।

गर्मियों में राहत देता है सावनगर्मियों में राहत देता है सावन,
चुरा लेता है हर किसी का मन,
महक जाता है हर एक इंसान,
जैसे बेजान में भी आ जाये प्राण।

सावन की बूंदे दे रही है दस्तकसावन की बूंदे दे रही है दस्तक,
इस साल का सावन आप सभी को मुबारक।

मिटटी की सौंधी सी खुशबू आने लगी हैमिटटी की सौंधी सी खुशबू आने लगी है,
गर्मी अब दूर भाग जाने लगी है,
देखो प्यास भी अब बुझ जाने लगी है,
लगता है सावन की रुत छाने लगी है।

जब-जब घिरे बादल तेरी याद आईजब-जब घिरे बादल तेरी याद आई,
जब झूम के बरसा सावन तेरी याद आई।

फिजाओं में रंग कुछ इस तरह मिल जाएँफिजाओं में रंग कुछ इस तरह मिल जाएँ,
कि मुरझाई हुई कलियाँ खिल जाएँ,
अबके सावन मिले हम एक दूजे से कुछ ऐसे
कि मैं तुझमें घुल जाऊं, तू मुझमें घुल जाएँ।

वक़्ते-रुख़सत तैरती है जो किसी की आँख मेंवक़्ते-रुख़सत तैरती है जो किसी की आँख में,
सारे सावन पानी भरते उस नमी के सामने।

कोयल की सुरीली तानों पर थम थम के पपीहा गाता हैकोयल की सुरीली तानों पर,
थम थम के पपीहा गाता है,
हल हो के हवा की लहरों में,
सावन का महीना आता है।

बारिश की टिप-टिप आवाज़ मेरे दर्द-ऐ-दिल को और गहराबारिश की टिप-टिप आवाज़,
मेरे दर्द-ऐ-दिल को और गहरा कर जाती है,
तुम नहीं हो मेरे साथ,
ये सावन की रुत जता जाती है।

तुम छत पे नही आए मैं घर से नही निकलातुम छत पे नही आए मैं घर से नही निकला,
ये चाँद बहुत भटका सावन की घटाओ में।

गर्मी हो गयी थोड़ी कम क्यूंकि सावन का हुआ वेलकमगर्मी हो गयी थोड़ी कम,
क्यूंकि सावन का हुआ वेलकम,
महक लो इस बारिश में ,
कही ये ना हो जाये कम।

क्यो ज़ख्म दे रही है सावन की पहली बारिशक्यो ज़ख्म दे रही है सावन की पहली बारिश,
बहुत याद आ रहे हैं हमको भुलाने वाले।

सावन-भादों साठ ही दिन हैं फिर वो रुत की बात कहाँसावन-भादों साठ ही दिन हैं, फिर वो रुत की बात कहाँ,
अपने अश्क मुसलसल बरसें, अपनी-सी बरसात कहाँ।

जिसके दिल के अरमान अधूरे होजिसके दिल के अरमान अधूरे हो,
वहाँ सावन की बारिश ना हो।

आँखें मेरी सावन की तरह बरसती हैआँखें मेरी सावन की तरह बरसती है,
उसे एक बार जी भरकर देखने को तरसती है।


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