दो टके की नौकरी करने वालो,
लाखों का सावन आ रहा है।
सावन का महिना, बारिश थी ज़ोरो कि,
अपनों की महफिल में शिकायत थी ओरो की।
सूनसान सड़के हो और हम दोनों राहों में हो,
खूब जोर से बारिश हो और हम एक दुसरे के बाहो में हो,
तू दूर जाएँ मगर तेरी ख्वाहिश ना हो,
सावन झूम कर आये मगर बारिश ना हो।
काश मेरी एक ख्वाइश पूरी हो जाए,
वो बचपन का सावन वो कागज की कश्ती,
और वो बारिश का पानी मिल जाए।
उनको क्या खबर मेरे अश्कों की,
सावन उन पर ज्यादा मेहरबान रहता है।
मेरे दिल का मौसम भी सावन जैसा आज हो जाये,
बस पल भर के लिए ही अगर उसे मुझसे प्यार हो जाये।
गर्मियों में राहत देता है सावन,
चुरा लेता है हर किसी का मन,
महक जाता है हर एक इंसान,
जैसे बेजान में भी आ जाये प्राण।
सावन की बूंदे दे रही है दस्तक,
इस साल का सावन आप सभी को मुबारक।
मिटटी की सौंधी सी खुशबू आने लगी है,
गर्मी अब दूर भाग जाने लगी है,
देखो प्यास भी अब बुझ जाने लगी है,
लगता है सावन की रुत छाने लगी है।
जब-जब घिरे बादल तेरी याद आई,
जब झूम के बरसा सावन तेरी याद आई।