आपको दिल में रखा ही इसलिए है ताकी,
सावन में आप पर मोहब्बत की बरिश कर सके।
जिस मौसम में दिल जलने लगता है,
वो सावन का महीना आ गया।
सावन की बरसात में,
एक बार फिर भीगे हैं, उनको पाने की चाहत में।
सावन के बरसात में अजीब कशिश है,
ना चाहते हुए भी कोई शिद्दत से याद आता है।
मौसम है सावन का और याद तुम्हारी आती है,
बारिश के हर कतरे से आवाज़ तुम्हारी आती है,
बादल जब गरजते हैं, दिल की धड़कन बढ़ जाती है,
दिल की हर इक धड़कन से आवाज़ तुम्हारी आती है।
रुकी रुकी सी है बरसात ख़ुश्क है सावन,
ये और बात कि मौसम यही नुमू का है।
सावन का हो गया है आगाज़,
आने लगी बूंदों की आवाज़,
चाय-पकोड़ो की प्लेट सजाओ,
और हमें अपना मेहमान बनाओ।
आसमान भी बरसा नहीं अबकी सावन में,
मेरी आँखें बरसती रही दिल के आँगन में।
जितना हंसा उससे ज्यादा रोया हु मै,
इंतजार ने आंखो को सावन बना दिया।
सावन का मज़ा लेना है,
तो घर से बहार आना होगा,
कपड़ो की फिक्र किये बिना,
फिर मस्ती से भीग जाना होगा।