सावन का ये मौसम कुछ याद दिलाता है,
किसी के साथ होने का एहसास दिलाता है,
फिजा भी सर्द है यादें भी ताजा है,
ये मौसम किसी का प्यार दिल में जगाता है।
मौसम का नया अंदाज है,
नया सवेरा उसके साथ है,
जरा दरवाजा खोल के देखो,
भीगा सावन भी उसके साथ है।
अब के सावन में शरारत ये मिरे साथ हुई,
मेरा घर छोड़ के कुल शहर में बरसात हुई।
खुद भी रोता है, मुझे भी रूला के जाता है,
ये सावन का महीना उसकी याद दिला जाता है।
बदली सावन की कोई जब भी बरसती होगी,
दिल ही दिल में वह मुझे याद तो करती होगी,
ठीक से सो न सकी होगी कभी ख्यालों से मेरे
करवटें रात भर बिस्तर पे बदलती होगी।
रुकी रुकी सी है बरसात ख़ुश्क है सावन,
ये और बात कि मौसम यही नुमू का है।
कैसा सावन है ये, खुल के बरसता ही नहीं,
देखने में तेरी जुल्फो की घटा ही खूब सही।
सावन की बरसात में,
एक बार फिर भीगे हैं, उनको पाने की चाहत में।
अब के सावन में शरारत ये मेरे साथ हुई,
मेरा घर छोड़ के कुल शहर में बरसात हुई।
आपको दिल में रखा ही इसलिए है ताकी,
सावन में आप पर मोहब्बत की बरिश कर सके।