Trending - Holi

Thursday | Army | Attitude | Congratulations 🎉 | Good Morning 🌞 | Good Night 😴 | Love 💕 | Motivational 🔥 | Rain 🌧️ | Sad 😢 | Name On Cake 🎂


Home Sawan Ki Barsat Shayari Sawan Ki Barsat Shayari

Sawan Ki Barsat Shayari in Hindi - सावन की बरसात शायरी इन हिंदी

Share :


मौसम है सावन का और याद तुम्हारी आती हैमौसम है सावन का और याद तुम्हारी आती है,
बारिश के हर कतरे से आवाज़ तुम्हारी आती है,
बादल जब गरजते हैं, दिल की धड़कन बढ़ जाती है,
दिल की हर इक धड़कन से आवाज़ तुम्हारी आती है।

रोक कर बैठे हैं कई समंदर आंखें मेंरोक कर बैठे हैं कई समंदर आंखें में,
दगाबाज़ निकला सावन तो हम खुद ही बरस लेंगे।

अब के सावन तो बरसता हुआ यू लगता हैअब के सावन तो बरसता हुआ यू लगता है,
आसमा पर भी तेरे गम की घटा छाई हो।

सावन हर साल आता है कभी ज्यादा कभी कम भीगाता हैसावन हर साल आता है,
कभी ज्यादा कभी कम भीगाता है,
आओ मिलकर झूमे इस मौसम में,
फिर ये लम्हा कहा लौटकर आता है।

मालूम है ये सावन अगले बरस भी आएगामालूम है ये सावन अगले बरस भी आएगा,
पर तुम अभी आ जाओगे तो क्या बिगड़ जायेगा।

सावन की बरसात की तरह झरने दो इसे झरने दोसावन की बरसात की तरह झरने दो, इसे झरने दो,
ये तुम्हारा नाम मेरे सीने में, मेरी साँसों में रहने दो।

सावन की मीठी-सी बरसात हैसावन की मीठी-सी बरसात है,
सावन से त्योहारों की शुरुआत है।
नज़ारा बेहद कमाल लगता है ,
खुदा की ये कैसी करामात है।

भले ही हम सावन में भीगे ना होभले ही हम सावन में भीगे ना हो,
मगर दिल को मैंने आंसुओ में डुबोया है।

कह दो सावन से जम के बरसनाकह दो सावन से जम के बरसना,
क्योकी मेरा प्यार मेरे साथ है।

जितना हंसा उससे ज्यादा रोया हु मैजितना हंसा उससे ज्यादा रोया हु मै,
इंतजार ने आंखो को सावन बना दिया।

फिजाओं में रंग इस तरह मिल जाएफिजाओं में रंग इस तरह मिल जाए,
कि मुरझाई हुई कलिया फिर खिल जाए,
इस सावन में मिले हम दोनों कुछ ऐसे,
कि हम एक दूसरे में पूरा घुल जाए।

सावन की बरसात में एक बार फिर भीगे हैंसावन की बरसात में,
एक बार फिर भीगे हैं, उनको पाने की चाहत में।

ये इकतरफा इश्क़ भी क्या गज़ब ढाता हैये इकतरफा इश्क़ भी क्या गज़ब ढाता है,
दिल में आग सावन के महीने में लगाता है।

कैसे रास्ता भटके मुसाफिर जब मंजिल इतनी पास होकैसे रास्ता भटके मुसाफिर जब मंजिल इतनी पास हो,
प्यासा कैसे रहेगा राही जब सावन की बरसात हो।

बदली सावन की कोई जब भी बरसती होगीबदली सावन की कोई जब भी बरसती होगी,
दिल ही दिल में वह मुझे याद तो करती होगी,
ठीक से सो न सकी होगी कभी ख्यालों से मेरे
करवटें रात भर बिस्तर पे बदलती होगी।

आसमान भी बरसा नहीं अबकी सावन मेंआसमान भी बरसा नहीं अबकी सावन में,
मेरी आँखें बरसती रही दिल के आँगन में।

सावन ने आज मुझे बहुत तरसाया हैसावन ने आज मुझे बहुत तरसाया है,
मेरा घर छोड़कर सारे शहर को भिगाया है।

बरसात ना हुई इस सावन में मगरबरसात ना हुई इस सावन में मगर,
मेरी आंखे बरसी तेरी चाहत में।

जिस मौसम में दिल जलने लगता हैजिस मौसम में दिल जलने लगता है,
वो सावन का महीना आ गया।

मौसम का नया अंदाज है नया सवेरा उसके साथ हैमौसम का नया अंदाज है,
नया सवेरा उसके साथ है,
जरा दरवाजा खोल के देखो,
भीगा सावन भी उसके साथ है।

अब कौन घटाओं को रोक पाएगाअब कौन घटाओं को रोक पाएगा,
जुल्फे जो बिखरी तेरी लगता है सावन आएगा।

अब कौन से मौसम से कोई आस लगायेंअब कौन से मौसम से कोई आस लगायें,
जब सावन के महीने में भी याद ना उन को हम आयें।

रुकी रुकी सी है बरसात ख़ुश्क है सावनरुकी रुकी सी है बरसात ख़ुश्क है सावन,
ये और बात कि मौसम यही नुमू का है।

सावन का मज़ा लेना है तो घर से बहार आना होगासावन का मज़ा लेना है,
तो घर से बहार आना होगा,
कपड़ो की फिक्र किये बिना,
फिर मस्ती से भीग जाना होगा।

जो गुजरे इश्क में सावन सुहाने याद आते हैंजो गुजरे इश्क में सावन सुहाने याद आते हैं,
तेरी जुल्फों के मुझको शामियाने याद आते हैं।

तुम रूठ जाती हो तो सावन बड़ा सताता हैतुम रूठ जाती हो तो सावन बड़ा सताता है,
यह बारिश में बहाने मुझे भी बड़ा रूलाता है।

पतझड़ दिया था वक़्त ने सौगात में मुझेपतझड़ दिया था वक़्त ने सौगात में मुझे,
मैने वक़्त की जेब से सावन चुरा लिया।

सावन का हो गया है आगाज़ आने लगी बूंदों की आवाज़सावन का हो गया है आगाज़,
आने लगी बूंदों की आवाज़,
चाय-पकोड़ो की प्लेट सजाओ,
और हमें अपना मेहमान बनाओ।

बिजली युही गरजेगी युही बरसेगे बादलबिजली युही गरजेगी युही बरसेगे बादल,
सावन जो आया है चुराने आँखों का काजल।

कितने सावन गुज़रे तुम्हारी यादों मेंकितने सावन गुज़रे तुम्हारी यादों में,
कोई तो सावन ऐसा दो जो बीते तुम्हारी बाहों में।

बनके सावन कहीं वो बरसते रहेबनके सावन कहीं वो बरसते रहे,
इक घटा के लिए हम तरसते रहे,
आस्तीनों के साये में पाला जिन्हें,
साँप बनकर वही रोज डसते रहे।

अब के सावन में शरारत ये मिरे साथ हुईअब के सावन में शरारत ये मिरे साथ हुई,
मेरा घर छोड़ के कुल शहर में बरसात हुई।

सावन का ये मौसम कुछ याद दिलाता हैंसावन का ये मौसम कुछ याद दिलाता हैं,
किसी के साथ होने का एहसास दिलाता हैं,
फ़िज़ा भी सर्द हैं यादें भी ताज़ा हैं,
ये मौसम किसी का प्यार दिल में जगाता हैं।

लाख बरसे झूम के सावन मगर वो बात कहाँलाख बरसे झूम के सावन मगर वो बात कहाँ,
जो ठंडक पङती है दिल में तेरे मुस्कुराने से।

अब के सावन में ये शरारत मेरे साथ हुईअब के सावन में ये शरारत मेरे साथ हुई,
मेरा घर छोड़ के कुल शहर में बरसात हुई।

मुझे मालूम है तूमनें बहुत बरसातें देखी हैमुझे मालूम है तूमनें बहुत बरसातें देखी है,
मगर मेरी इन्हीं आँखों से सावन हार जाता है।

खुद भी रोता है मुझे भी रूला के जाता हैखुद भी रोता है, मुझे भी रूला के जाता है,
ये सावन का महीना उसकी याद दिला जाता है।

सावन खुद तो आया है साथ में त्यौहार लाया हैसावन खुद तो आया है,
साथ में त्यौहार लाया है,
देख कर ये सावन की नजाकत,
मन खुशियों से भर आया है।

अब के सावन में शरारत ये मेरे साथ हुईअब के सावन में शरारत ये मेरे साथ हुई,
मेरा घर छोड़ के कुल शहर में बरसात हुई।

ये कैसी जुदाई है आँख मेरी भर आई हैये कैसी जुदाई है आँख मेरी भर आई है,
सावन की हर एक बरसती बूँद में तेरी ही परछाई है।

आपको दिल में रखा ही इसलिए है ताकीआपको दिल में रखा ही इसलिए है ताकी,
सावन में आप पर मोहब्बत की बरिश कर सके।

सावन आता है आपकी याद दिलाता हैसावन आता है आपकी याद दिलाता है,
आपसे दूर होने का एहसास दिलाता है,
आंखे हैं नम और ज़ख्म भी ताजा है,
ये मौसम फिर आपसे प्यार करवाता है।

कैसा सावन है ये खुल के बरसता ही नहींकैसा सावन है ये, खुल के बरसता ही नहीं,
देखने में तेरी जुल्फो की घटा ही खूब सही।

भुलना तो चाहते हैं तुम्हें मगर क्या करेभुलना तो चाहते हैं तुम्हें मगर क्या करे,
सावन आते ही तुम फिरसे याद आने लगती हो।

सावन के बरसात में अजीब कशिश हैसावन के बरसात में अजीब कशिश है,
ना चाहते हुए भी कोई शिद्दत से याद आता है।

सावन का ये मौसम कुछ याद दिलाता हैसावन का ये मौसम कुछ याद दिलाता है,
किसी के साथ होने का एहसास दिलाता है,
फिजा भी सर्द है यादें भी ताजा है,
ये मौसम किसी का प्यार दिल में जगाता है।

क़दम क़दम पर सिसकी और क़दम क़दम पर आहेंक़दम क़दम पर सिसकी और क़दम क़दम पर आहें,
खिजाँ की बात न पूछो सावन ने भी तड़पाया मुझे।

मौसम का अंदाज़ भाया है नए संवेरे साथ लाया हैमौसम का अंदाज़ भाया है,
नए संवेरे साथ लाया है,
दरवाज़ा खोल के देखो,
भीगा हुआ सावन आया है।

जब चले जाएँगे हम लौट के सावन की तरहजब चले जाएँगे हम लौट के सावन की तरह,
याद आयेंगे प्रथम प्यार के चुम्बन की तरह।

इस सावन में हम भीग जायेंगेइस सावन में हम भीग जायेंगे,
दिल में तमन्ना के फूल खिल जायेंगे,
अगर दिल करे मिलने को तो याद करना,
बरसात बनकर हम बरस जायेंगे।




Categories