हर एक पहलू तेरा मेरे दिल में आबाद हो जाये,
तुझे मैं इस क़दर देखूं मुझे तू याद हो जाये।
जब रात को आपकी याद आती है,
सितारों में आपकी तस्वीर नज़र आती है,
खोजती है निगाहें उस चेहरे को,
याद में जिसकी सुबह हो जाती है।
जिससे चाहा था बिखरने से बचा ले मुझको,
कर गया तेज हवाओं के हवाले मुझ को,
मैं वो बुत हूँ कि तेरी याद मुझे पूजती है,
फिर भी डर है ये कहीं तोड़ न डाले मुझको।
उसकी याद ने आज फिर रुला दिया,
कैसा है वो चेहरा जिसने ये सिला दिया,
ग़मों में रहने का जिसे तरीका ना था,
उसकी याद ने ढेरों ग़मों के साथ जीना सिखा दिया।
ज़माने के सवालों को मैं हंस के टाल दू फ़राज़,
लेकिन नमी आंखों की कहती है मुझे तुम याद आते हो।
कोई चला गया दूर हमसे तो क्या करें,
कोई मिटा गया सब निशान तो क्या करें,
याद आती है उनकी हमें हद से ज्यादा,
मगर वो याद ना करें तो क्या करें?
बन कर अजनबी मिले थे ज़िंदगी के सफ़र में,
इन यादों के लम्हों को मिटायेंगे नहीं,
अगर याद रखना फितरत है आपकी,
तो वादा है हम भी आपको भुलायेंगे नहीं।
चाँद के बिना अँधेरी रात रह जाती है,
साथ एक हसीन सी मुलाकात रह जाती है,
सच है कि जिंदगी कभी रूकती नहीं,
वक़्त निकल जाता है और याद रह जाती है।
कहेगा झूठ वो हमसे तुम्हारी याद आती है,
कोई है मुन्तजिर कितना ये लहजे बोल देते हैं।
मंजर भी बेनूर थे और फिजायें भी बेरंग थी,
तुम्हारी याद आई और मौसम सुहाना हो गया।