कुछ और नहीं कहना, बस इतनी ही चाहत है,
तुम मुझे उतनी ही मिल जाओ, जितनी याद आती हो।
हम भूल जाये ऐसी दिल की हसरत कहाँ,
वो याद करे हमे इतनी उसे फुर्सत कहाँ,
जिनके चारो तरफ हो अपनों का साथ,
ऐसे सनम को हमारी जरुरत ही कहाँ।
चाँद के बिना अँधेरी रात रह जाती है,
साथ एक हसीन सी मुलाकात रह जाती है,
सच है कि जिंदगी कभी रूकती नहीं,
वक़्त निकल जाता है और याद रह जाती है।
दो लफ्ज़ क्या लिखे तेरी याद में हमने,
लोग कहने लगे तू आशिक बहुत पुराना है।
हर चाँद सितारे में तेरी तस्वीर नजर आई,
फिर इस तन्हा रात में तेरी याद चली आई,
दूर तुझसे रहकर ये साँस थम चुकी थी,
जो कहीं नाम तेरा आया तो साँस लौट आई।
हर रात रो-रो के उसे भुलाने लगे,
आंसुओं में उस के प्यार को बहाने लगे,
ये दिल भी कितना अजीब है कि,
रोये हम तो वो और भी याद आने लगे।
बदली सावन की कोई जब भी बरसती होगी,
दिल ही दिल में वह मुझे याद तो करती होगी,
ठीक से सो न सकी होगी कभी ख्यालों से मेरे,
करवटें रात भर बिस्तर पे बदलती होगी।
बन कर अजनबी मिले थे ज़िंदगी के सफ़र में,
इन यादों के लम्हों को मिटायेंगे नहीं,
अगर याद रखना फितरत है आपकी,
तो वादा है हम भी आपको भुलायेंगे नहीं।
जिससे चाहा था बिखरने से बचा ले मुझको,
कर गया तेज हवाओं के हवाले मुझ को,
मैं वो बुत हूँ कि तेरी याद मुझे पूजती है,
फिर भी डर है ये कहीं तोड़ न डाले मुझको।
यकीन करो मेरा, लाख कोशिशें कर चुका हूँ मैं,
ना सीने की धड़कन रुकती है, ना तुम्हारी याद।