याद रखते हैं हम आज भी उन्हें पहले की तरह,
कौन कहता है फासले मोहब्बत की याद मिटा देते हैं।
फूलो की तरह हंसती रहो,
कलियोँ की तरह मुस्कुराती रहो,
खुदा से सिर्फ इतना मांगता हूँ,
कि तुम मुझे हमेशा याद आती रहो।
जब रात को आपकी याद आती है,
सितारों में आपकी तस्वीर नज़र आती है,
खोजती है निगाहें उस चेहरे को,
याद में जिसकी सुबह हो जाती है।
अभी तक दिल में रोशन हैं तुम्हारी याद के जुगनू,
अभी इस राख में चिंगारियां आराम करती हैं।
दो लफ्ज़ क्या लिखे तेरी याद में हमने,
लोग कहने लगे तू आशिक बहुत पुराना है।
कुछ दर्द कुछ नमी कुछ बातें जुदाई की,
गुजर गया ख्यालों से, तेरी याद का मौसम।
हर चाँद सितारे में तेरी तस्वीर नजर आई,
फिर इस तन्हा रात में तेरी याद चली आई,
दूर तुझसे रहकर ये साँस थम चुकी थी,
जो कहीं नाम तेरा आया तो साँस लौट आई।
हम तस्लीम करते हैं हमें फुर्सत नहीं मिलती,
मगर जब याद करते हैं ज़माना भूल जाते हैं।
बदली सावन की कोई जब भी बरसती होगी,
दिल ही दिल में वह मुझे याद तो करती होगी,
ठीक से सो न सकी होगी कभी ख्यालों से मेरे,
करवटें रात भर बिस्तर पे बदलती होगी।
ज़िक्र उनका ही आता है मेरे फ़साने में,
जिनको जान से ज्यदा चाहते थे हम किसी ज़माने में।
तन्हाई में उनकी ही याद का सहारा मिला,
जिनको नाकाम रहे हम भुलानें में।