साँसों का टूट जाना तो बहुत छोटी सी बात है दोस्तो,
जब अपने याद करना छोड़ दे, मौत तो उसे कहते है।
ज़िक्र उनका ही आता है मेरे फ़साने में,
जिनको जान से ज्यदा चाहते थे हम किसी ज़माने में।
तन्हाई में उनकी ही याद का सहारा मिला,
जिनको नाकाम रहे हम भुलानें में।
हमें फुर्सत में याद करते हो तो मत करो,
मैं तन्हा हो सकता हूँ मगर फिजूल नहीं।
हर रात रो-रो के उसे भुलाने लगे,
आंसुओं में उस के प्यार को बहाने लगे,
ये दिल भी कितना अजीब है कि,
रोये हम तो वो और भी याद आने लगे।
प्यार की दास्तां जब भी वक्त दोहरायेगा,
हमें भी एक शख्स बहुत याद आयेगा,
जब उसके साथ बिताये लम्हें याद आयेंगे,
आँखें नम हो जाएँगी दिल आंसू बहायेगा।
यकीन करो मेरा, लाख कोशिशें कर चुका हूँ मैं,
ना सीने की धड़कन रुकती है, ना तुम्हारी याद।
जुदा होकर भी सताने से बाज़ नहीं आते,
दूर रहकर भी वो दिल जलाने से बाज़ नहीं आते,
हम तो भूलना चाहते हैं हर एक याद उनकी,
मगर वो ख्वाबों में आने से भी बाज़ नहीं आते।
कभी याद आती है कभी उनके ख्वाब आते हैं,
मुझे सताने के सलीके तो उन्हें बेहिसाब आते हैं।
चाँद के बिना अँधेरी रात रह जाती है,
साथ एक हसीन सी मुलाकात रह जाती है,
सच है कि जिंदगी कभी रूकती नहीं,
वक़्त निकल जाता है और याद रह जाती है।
कहेगा झूठ वो हमसे तुम्हारी याद आती है,
कोई है मुन्तजिर कितना ये लहजे बोल देते हैं।