कश्तियां रह जाती हैं तूफान चले जाते हैं,
याद रह जाती है इंसान चले जाते हैं,
प्यार कम नहीं होता किसी के दूर जाने से,
बस दर्द होता है उनकी याद आने से।
कुछ और नहीं कहना, बस इतनी ही चाहत है,
तुम मुझे उतनी ही मिल जाओ, जितनी याद आती हो।
उसकी याद आई है साँसों जरा अहिस्ता चलो,
धड़कनों से भी इबादत में खलल पड़ता है।
याद कर के भूलना ही न आया हमें,
किसी के दिल को सताना ही ना आया हमें,
किसी के लिए तड़पना तो सीख लिया,
अपने लिए किसी को तड़पाना न आया हमें।
ढूंढ रहा हूँ लेकिन नाकाम हूँ अब तक,
वो लम्हा जिसमें तू मुझे याद न आता हो।
हमें फुर्सत में याद करते हो तो मत करो,
मैं तन्हा हो सकता हूँ मगर फिजूल नहीं।
किसने कह दिया आपकी याद नहीं आती,
बिना याद किये कोई रात नहीं जाती,
वक्त बदल जाता है, आदत नहीं जाती,
आप खास हो ये बात कही नहीं जाती।
बदली सावन की कोई जब भी बरसती होगी,
दिल ही दिल में वह मुझे याद तो करती होगी,
ठीक से सो न सकी होगी कभी ख्यालों से मेरे,
करवटें रात भर बिस्तर पे बदलती होगी।
ज़माने के सवालों को मैं हंस के टाल दू फ़राज़,
लेकिन नमी आंखों की कहती है मुझे तुम याद आते हो।
फिर तेरी याद, फिर तेरी तलब, फिर तेरी बातें,
ऐसे लगता है ऐ दिल मेरे तुझे सकून नहीं आता।