हर चाँद सितारे में तेरी तस्वीर नजर आई,
फिर इस तन्हा रात में तेरी याद चली आई,
दूर तुझसे रहकर ये साँस थम चुकी थी,
जो कहीं नाम तेरा आया तो साँस लौट आई।
फिर तेरी याद, फिर तेरी तलब, फिर तेरी बातें,
ऐसे लगता है ऐ दिल मेरे तुझे सकून नहीं आता।
कुछ और नहीं कहना, बस इतनी ही चाहत है,
तुम मुझे उतनी ही मिल जाओ, जितनी याद आती हो।
याद रखते हैं हम आज भी उन्हें पहले की तरह,
कौन कहता है फासले मोहब्बत की याद मिटा देते हैं।
ढूंढ रहा हूँ लेकिन नाकाम हूँ अब तक,
वो लम्हा जिसमें तू मुझे याद न आता हो।
हमें फुर्सत में याद करते हो तो मत करो,
मैं तन्हा हो सकता हूँ मगर फिजूल नहीं।
साँसों का टूट जाना तो बहुत छोटी सी बात है दोस्तो,
जब अपने याद करना छोड़ दे, मौत तो उसे कहते है।
कुछ नहीं बाकी बचा है तेरे जाने के बाद,
तड़प उठता है मेरा दिल आ जाये जो तेरी याद,
मायूस हो गया हूँ मैं अपनी सूनी ज़िंदगी से,
कोई तो हो जो समझे मेरे दिल के यह जज़्बात।
ये अच्छा उसने मेरे कतल का तरीका ईजाद किया,
मर जाता मैं हिचकियो से, इतना मुझे याद किया।
ज़िक्र उनका ही आता है मेरे फ़साने में,
जिनको जान से ज्यदा चाहते थे हम किसी ज़माने में।
तन्हाई में उनकी ही याद का सहारा मिला,
जिनको नाकाम रहे हम भुलानें में।