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Maut Shayari in Hindi - मौत शायरी इन हिंदी

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ज़िंदगी ज़ख्मों से भरी है,
वक़्त को मरहम बनाना सीख लो,
हारना तो है ही मौत के हाथों एक दिन,
फिलहाल ज़िंदगी को जीना सीख लो।

जीना चाहता हूँ मगर जिंदगी रास नहीं आती,
मरना चाहता हूँ मगर मौत पास नहीं आती,
उदास हूँ इस जिंदगी से इसलिए क्योंकि,
उसकी यादें तड़पाने से बाज नहीं आतीं।

तुम दर्द भी हो मेरा और दर्द की दवा भी हो,
मेरी मौत का कारण भी हो तुम, जीने की वजह भी हो,
खुली नज़रो से तुम दूर हो बहुत मुझसे,
बंद आँखों में हर जगह मेरे पास भी हो तुम।

न मेरी कोई मंज़िल है न किनारा,
तन्हाई मेरी महफ़िल और यादें मेरा सहारा,
तुम से बिछड़कर के कुछ यूँ वक़्त गुज़ारा,
कभी ज़िन्दगी को तरसे कभी मौत को पुकारा।

नादान ज़िन्दगी धीमे चल जरा,
कुछ वक़्त अपनों के पास ठहर जाऊं,
आखिरी मुकाम मौत हीं है,
जरा चैन की सांस तो ले पाऊ।

जिन्दगी जख्मो से भरी है,
वक्त को मरहम बनाना सीख लो,
हारना तो है एक दिन मौत से,
दोस्तों के साथ जिन्दगी जीना सीख लो।

तूफ़ान है जिंदगी तो साहिल है तेरी दोस्ती,
सफ़र है मेरी जिंदगी मंजिल है तेरी दोस्ती,
मौत के बाद मिल जायेगी मुझे जन्नत,
जिंदगी भर रहे अगर कायम तेरी दोस्ती।

आज उसने अपनी अलग दुनिया बसाई है,
मेरी ज़िन्दगी भी मौत से जीतती आयी है,
जितना तोडना चाहता हूँ ज़िन्दगी के तार मैं,
उतना ही खुदा ने मेरी उम्र बड़ाई है।

प्यार में सब कुछ भुलाए बैठे हैं,
चिराग यादों के जलाये बैठे है,
हम तो मरेंगे उनकी ही बाहों में,
ये मौत से शर्त लगाये बैठे हैं।

अब तलक हम मुन्तजिर रहे हैं जिनके,
उनको हमारा ख्याल तक न आया,
उनके प्यार में हमारी जान तक चली गयी,
उनको हमारी मौत का मलाल तक न आया।

मौत का डर, जिंदगी के डर से ही आता है,
जो शख्स भरपूर जिंदगी जीता है,
वह किसी भी वक्त,
मौत को गले लगाने के लिए तैयार रहता है।

इश्क के नाम पर दीवाने चले आते हैं,
शमा के पीछे परवाने चले आते हैं,
तुम्हें याद ना आये तो चले आना मेरी मौत पर,
उस दिन तो बेगाने भी चले आते हैं।

चैन तो छिन चुका है अब बस जान बाकी है,
अभी मोहब्बत में मेरा इम्तेहान बाकी है,
मिल जाना वक़्त पर ऐ मौत के फ़रिश्ते,
किसी को गिला है किसी का फरमान बाकी है।

ये जमीं जब खून से तर हो गई है,
ज़िन्दगी कहते हैं बेहतर हो गई है,
हाथ पर मत खींच बेमतलब लकीरें,
मौत हर पल अब मुक़द्दर हो गई है।

मिट्टी मेरी कब्र से उठा रहा है कोई,
मौत के बाद भी याद आ रहा है कोई,
कुछ पल की मोहलत और दे दे ऐ खुदा,
उदास मेरी कब्र से जा रहा है कोई।

इस आस में चला जाऊंगा मैं ये जहाँ छोड़ कर,
के शायद मेरा मरना ही कुछ काम आएगा,
शायद चली आये तू उस पल मेरे पास दौड़कर,
जिस पल तेरे पास मेरी मौत का पैगाम आएगा।

ऐ मौत, मैं तुझे गले लगाना चाहता हूँ,
कितनी वफ़ा है तुझ में यह आज़माना चाहता हूँ,
रुलाया है बहुत दुनिया में लोगो ने मुझे,
मिले जो तेरा साथ तो मैं लोगो को रुलाना चाहता हूँ।

कितना और दर्द देगा बस इतना बता दे,
ऐसा कर ये खुदा मेरी हस्ती मिटा दे,
यु घुट घुट के जिने से तो मौत बेहतर है,
मैं कभी ना जागू मुझे ऐसी नींद सुला दो,

उस पल ही मौत से मुलाकात होगी,
जिस पल ज़िन्दगी के आखरी रात होगी,
तेरे अपने ही जला कर जाएंगे तुम्हें,
तेरी अहमियत बस खास होगी।

ज़िन्दगी का बस एक ही दस्तूर होता हैं,
जब तक रहती हैं इसे खुद पर ग़ुरूर होता हैं,
बित जाती हैं उम्र जब बुढ़ापे तलक,
मौत के साथ ही हर सपना चुर होता हैं,

कुछ सुकून तो है मेरी ज़िन्दगी में की,
मौत ने तो जरूर आना है,
इंसान तो पहले से हीं मरा हुआ है अंदर से,
मौत तो बस एक बहाना है।

पहले ज़िन्दगी छीन ली मुझसे,
अब मेरी मौत का फायदा उठाती है,
मेरी कब्र पे फूल चढ़ाने के बहाने,
वो किसी और से मिलने आती है।

करनी मुझे खुदा से एक फरियाद,
बाकी है कहनी उनसे एक बात बाकी है,
मौत भी आ जाये तो कह दूंगी,
जरा रुक जा अभी मेरे दोस्तो से एक मुलाक़ात बाकी है।

मौत मांगते है तो ज़िन्दगी खफा हो जाती है,
जहर लेते है तो वो भी दवा हो जाती है,
तु बता ऐ ज़िन्दगी तेरा क्या करू,
जिसको भी चाहा वो बेवफा हो जाती है।

मोहब्बत मुझे थी उसी से सनम,
यादों में उसकी यह दिल तड़पता रहा,
मौत भी मेरी चाहत को रोक न सकी,
कब्र में भी यह दिल धड़कता रहा।

कुछ साँसे बची हैं आखिरी बार दीदार दे दो,
झूठा ही सही एक बार मगर तुम प्यार दे दो,
जिंदगी तो वीरान थी मौत भी गुमनाम ना हो,
मुझे गले लगा लो फिर मौत मुझे हजार दे दो।

मेरी हर खता पे नाराज न होना,
अपनी प्यारी सी मुस्कान कभी न खोना,
सुकून मिलता है देख कर आपकी हंसी को,
मुझे मौत भी आ जाये तो भी न रोना।

वादे भी उसने क्या खूब निभाए हैं,
ज़ख़्म और दर्द तोहफे में भिजवाये है,
इस से बढ़कर वफ़ा की मिसाल क्या होगी,
मौत से पहले मौत का सामान ले आये है।

मौत के बाद याद आ रहा है कोई,
मिटटी मेरी कब्र से उठ रहा है कोई,
ऐ खुदा दो पल की मोहलत और दे दे,
उदास मेरी कबर से जा रहा है कोई।

कौन जाने कब मौत का पैगाम आ जाये,
ज़िंदगी की आखरी शाम आ जाये,
हम तो ढूंढते हैं वक़्त ऐसा जब,
हमारी ज़िन्दगी आपके काम आ जाये।

चंद साँसे बची हैं आखिरी बार दीदार दे दो,
झूठा ही सही एक बार मगर तुम प्यार दे दो,
ज़िन्दगी तो वीरान थी मौत भी गुमनाम ना हो,
मुझे गले लगा लो फिर चाहे मौत हजार दे दो।

लम्हा-लम्हा साँसें खत्म हो रही हैं,
ज़िन्दगी मौत के आगोश में सो रही है,
उस बेवफा से न पूछो मेरी मौत के वजह,
वही तो कातिल है दिखाने को रो रही है।

वो दिन दिन नहीं, वो रात रात नहीं,
वो पल पल नहीं, जिस पल तेरी याद नहीं,
तेरी यादों से मौत हमे अलग कर सके,
मौत की भी ये औकात नहीं।

आंखें खुली हो तो चेहरा तुम्हारा हो,
आँखें बंद हो तो सपना तुम्हारा हो,
मुझे मौत का डर नहीं होगा,
अगर कफ़न की जगह दुपट्टा तुम्हारा हो।

इतनी शिद्दत से चाहा उसे की खुद को भी भुला दिया,
उनके लिए अपने दिल को कितनी ही बार रुला दिया,
एक बार ही ठुकराया उन्होंने,
और हमने खुद को मौत की नींद सुला दिया।

क्या कहूँ तुझे, ख्वाब कहूँ तो टूट जायेगा,
दिल कहूँ, तो बिखर जायेगा।
आ तेरा नाम ज़िन्दगी रख दूँ,
मौत से पहले तो तेरा साथ छूट न पायेगा।

इक तुम हो जिसे प्यार भी याद नहीं,
इक में हूँ जिसे और कुछ याद नहीं,
ज़िन्दगी मौत के दो ही तो तराने हैं,
इक तुम्हें याद नहीं इक मुझे याद नहीं।

मैंने खुदा से एक दुआ मांगी,
दुआ में अपनी मौत मांगी,
खुदा ने कहा मौत तो तुझे दे दूँ,
पर उसका क्या जिसने हर दुआ में तेरी जिंदगी मांगी।

किस्मत ने बार-बार बचाया हूँ मैं,
मौत के मुंह से भी वापस लौट आया हूँ मैं,
क्यों की हम पर इतनी रहमत ऐ खुदा,
पहले ही उनकी रहमत का सताया हूँ मैं।

उसने पूछा के बताओ ये क़यामत क्या है,
मैने घबरा के कह दिया रूठ जाना तेरा।
मौत कहते हैं किसे जब मुझसे पूछा,
मैने आँखें झुका कर कहा छोड़ जाना तेरा।

हम अपनी मौत खुद मर जायेंगे सनम,
आप अपने सर पर क्यूँ इलज़ाम लेते हो,
जालिम है दुनिया जीने न देगी आपको,
आप क्यूँ अपनी जुबां से मेरा नाम लेते हो।

मुझे सिर्फ़ इतना बता दो…
इंतज़ार करूँ या ख़ुद को मिटा दूँ ऐ सनम?
तुम पर भी यकीन है और मौत पर भी ऐतबार है,
देखें पहले कौन मिलता है, हमें दोनों का इंतजार है।

मोहब्बत मुझे थी बस तुम्हीं से सनम,
यादों में तुम्हारी यह दिल तड़पता रहा,
मौत भी मेरी चाहत को रोक न सकी,
कब्र में भी यह दिल धड़कता रहा।

हमारे प्यार का यूँ इम्तिहान न लो,
करके बेरुखी मेरी तुम जान न लो,
एक इशारा कर दो हम खुद मर जाएंगे,
हमारी मौत का खुद पे इल्ज़ाम न लो।

बिन आपके कुछ भी अच्छा नहीं लगता,
अब मेरा वजूद भी सच्चा नहीं लगता,
सिर्फ आपके इंतज़ार में कट रही है ये ज़िंदगी,
वरना मौत के आगोश में सो जाती ये ज़िंदगी।

मोहब्बत के नाम पे दीवाने चले आते हैं,
शमा के पीछे परवाने चले आते हैं,
तुम्हें याद आये तो चले आना मेरी मौत पर,
उस दिन तो बेगाने भी चले आते हैं।

वादे तो हजारों किये थे उसने मुझसे,
काश एक वादा ही उसने निभाया होता,
मौत का किसको पता कि कब आएगी,
पर काश उसने ज़िन्दा जलाया न होता।

यूँ दिल से दिल को जुदा न कीजियेगा,
ज़रा सोच समझ कर फैसला कीजियेगा,
अगर जी सकते हो आप मेरे बिना,
तो बेशक मेरी मौत की दुआ कीजियेगा।

मौत मांगते हैं तो ज़िन्दगी खफा हो जाती है,
ज़हर लाते हैं तो वो भी दवा हो जाता है,
तू ही बता ए मेरे दोस्त क्या करूँ,
जिसको भी चाहते हैं वो बेवफा हो जाता है।

लम्हा लम्हा सांसें खत्म हो रही हैं,
ज़िन्दगी मौत के पहलू में सो रही है,
उस बेवफा से ना पूछो मेरी मौत की वजह,
वह तो ज़माने को दिखने के लिए रो रही है।




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