वो ना आए उनकी याद वफा कर गई,
उनसे मिलने की चाह सुकून तभा कर गई,
आहट दरवाजे की हुई तो उठकर देखा,
मजाक हमसे वफा कर गई।
एक सुकून की तलाश में,
जाने कितनी बेचैनियाँ पाल लीं,
और लोग कहते हैं हम बड़े हो गए,
हमने जिंदगी संभाल ली।
यूँ बेवफाई कर तुम भी सुकून से ना रहे पाओगे,
इस जालिम दुनिया में देखना,
तुम भी किसी और की बेवफाई का शिकार हो जाओगे।
जलजला-सा जो था कल,
वो आज सुकून-सा है,
मोहोब्बत ना छोड़ी जायेगी अब हमसे,
उसका तो अब जूनून-सा है।
काश एक सिरहाना ऐसा भी हो,
जहाँ मेरे गम सर रख कर सुकून से सो सके,
काश एक कमरा ऐसा भी हो,
जहाँ मेरी आँखे चीख-चीख कर रो सके।
मेरी हर खता पर नाराज़ न होना,
अपनी प्यारी सी मुस्कान कभी न खोना,
सुकून मिलता है देखकर आपकी मुस्कराहट को,
मुझे मौत भी आये तो भी मत रोना।