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Home Sukoon Shayari Sukoon Shayari in Hindi - सुकून शायरी इन हिंदी

एक सुकून की तलाश में जाने कितनी बेचैनियाँ पाल लीं

एक सुकून की तलाश में जाने कितनी बेचैनियाँ पाल लींएक सुकून की तलाश में,
जाने कितनी बेचैनियाँ पाल लीं,
और लोग कहते हैं हम बड़े हो गए,
हमने जिंदगी संभाल ली।

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दूसरों को हंसी देकर मैं भी मुस्कुराता हूँदूसरों को हंसी देकर मैं भी मुस्कुराता हूँ,
दूसरों के सुकून से मैं भी सुकून पाता हूँ।

जागना भी कबूल हैं तेरी यादों में रात भरजागना भी कबूल हैं तेरी यादों में रात भर,
तेरे एहसासों में जो सुकून है वो नींद में कहाँ।

थोड़ा सुकून भी ढुँढिए जनाबथोड़ा सुकून भी ढुँढिए जनाब,
ये जरूरते तो कभी खत्म न होगी।

बचपन जो गया सुकून साथ ले गयाबचपन जो गया, सुकून साथ ले गया,
चुनौतियों और जिम्मेदारियों का बोझ दे गया।

हमसे मत पूछना ख़्वाबों की क़ीमतहमसे मत पूछना ख़्वाबों की क़ीमत,
बहुत ख़्वाबों को पाला है हमने भी सुकून बेच कर।

जलजला सा जो था कल वो आज सुकून सा हैजलजला-सा जो था कल,
वो आज सुकून-सा है,
मोहोब्बत ना छोड़ी जायेगी अब हमसे,
उसका तो अब जूनून-सा है।

सुकून की बात मत कर ऐ दोस्तसुकून की बात मत कर ऐ दोस्त,
बचपन वाला इतवार जाने क्यूँ अब नहीं आता।

बेचैनी भी जहाँ सुकून देने लगती हैबेचैनी भी जहाँ सुकून देने लगती है,
आ देख, उस दौर से गुजर रहा हूँ मैं।

तुझे पाया तो दिल ने सुकून पायातुझे पाया, तो दिल ने सुकून पाया,
अर्से बाद फिर कोई खुशियाँ लाया।

यूँ बेवफाई कर तुम भी सुकून से ना रहे पाओगेयूँ बेवफाई कर तुम भी सुकून से ना रहे पाओगे,
इस जालिम दुनिया में देखना,
तुम भी किसी और की बेवफाई का शिकार हो जाओगे।

जहां न दिल को सुकून है न है क़रार मुझेजहां न दिल को सुकून है न है क़रार मुझे,
ये किस मक़ाम पे ले आई याद-ए-यार मुझे।

कभी ऐसा भी होता है कि सुकून के लिएकभी ऐसा भी होता है कि सुकून के लिए,
किसी दवा कि नहीं किसी के लफ्जों की जरूरत होती है।

आयोडेक्स सा है प्यार तेराआयोडेक्स सा है, प्यार तेरा,
कभी जलन देता है, तो कभी सुकून देता है।

सालो साल बातचीत से उतना सुकून नही मिलतासालो साल बातचीत से उतना सुकून नही मिलता,
जितना सिर्फ एक बार गले लग कर मिलता है।

जहाँ भी ज़िक्र हुआ सुकून काजहाँ भी ज़िक्र हुआ सुकून का,
वहीँ तेरी बाहोँ की तलब लग जाती हैं।

ज़रा सुकून भी सहरा के प्यार ने न दियाज़रा सुकून भी सहरा के प्यार ने न दिया,
मुसाफ़िरों को हवा ने पुकारने न दिया।

एक सुकून की तलाश में जाने कितनी बेचैनियाँ पाल लींएक सुकून की तलाश में,
जाने कितनी बेचैनियाँ पाल लीं,
और लोग कहते हैं हम बड़े हो गए,
हमने जिंदगी संभाल ली।

जिद में आकर उनसे ताल्लुक तोड़ लिया हमनेजिद में आकर उनसे ताल्लुक तोड़ लिया हमने,
अब सुकून उनको नहीं और बेकरार हम भी हैं।

मोहब्बत कभी खत्म नहीं होती सिर्फ बढ़ती हैमोहब्बत कभी खत्म नहीं होती, सिर्फ बढ़ती है,
या तो सुकून बनकर या दर्द बनकर।

एक महबूब लापरवाह सा एक मोहब्बत बेपनाह सीएक महबूब लापरवाह सा, एक मोहब्बत बेपनाह सी,
दोनों काफी हैं सुकून बर्बाद करने को।


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