एक सुकून की तलाश में,
जाने कितनी बेचैनियाँ पाल लीं,
और लोग कहते हैं हम बड़े हो गए,
हमने जिंदगी संभाल ली।
जलजला-सा जो था कल,
वो आज सुकून-सा है,
मोहोब्बत ना छोड़ी जायेगी अब हमसे,
उसका तो अब जूनून-सा है।
यूँ बेवफाई कर तुम भी सुकून से ना रहे पाओगे,
इस जालिम दुनिया में देखना,
तुम भी किसी और की बेवफाई का शिकार हो जाओगे।
एक सुकून की तलाश में,
जाने कितनी बेचैनियाँ पाल लीं,
और लोग कहते हैं हम बड़े हो गए,
हमने जिंदगी संभाल ली।