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Home Kismat Shayari Kismat Shayari in Hindi - किस्मत शायरी इन हिंदी

जिन्दगी में चुनौतियाँ हर किसी के हिस्से में नहीं आती है

जिन्दगी में चुनौतियाँ हर किसी के हिस्से में नहीं आती हैजिन्दगी में चुनौतियाँ,
हर किसी के हिस्से में नहीं आती है,
क्योंकि किस्मत भी,
किस्मत वालों को ही आजमाती है।

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किस्मत ने कहा आज से सब हुआ तेराकिस्मत ने कहा, आज से सब हुआ तेरा,
मैंने कहा, अभी मन नहीं भरा मेरा।

बदलता नहीं ये किस्मत कैसी है इसकी फितरतबदलता नहीं ये किस्मत, कैसी है इसकी फितरत,
सोचता हूँ खरीद लू, पर लेता नहीं ये रिश्वत।

तुम मिले तो यूँ लगा हर दुआ कबूल हो गयीतुम मिले तो यूँ लगा,
हर दुआ कबूल हो गयी,
कांच सी टूटी क़िस्मत मेरी 
हीरों का नूर हो गयी।

हँस हँस के जवां दिल के हम क्यों न चुनें टुकडेहँस हँस के जवां दिल के हम क्यों न चुनें टुकडे,
हर शख्स की किस्मत में इनाम नहीं होता।


किस्मत से टकराने का जिंदगी में मजा है यहींकिस्मत से टकराने का,
जिंदगी में मजा है यहीं,
ये मुझे जीतने नहीं देती,
और मैं हार मानने वाला नहीं।

कुम्भकरण की तरह जब किस्मत सोती हैकुम्भकरण की तरह जब किस्मत सोती है,
तभी इंसान से जमकर मेहनत होती है।

बहुत खूबसूरत है आंखे तुम्हारी इन्हें बना दो किस्मत हमारीबहुत खूबसूरत है आंखे तुम्हारी,
इन्हें बना दो किस्मत हमारी,
हमें नहीं चाहिये ज़माने की खुशियाँ,
अगर मिल जाये मोहब्बत तुम्हारी।

मुझ में और किस्मत में हर बार बस यही जंग रहीमुझ में और किस्मत में हर बार बस यही जंग रही,
मैं उसके फैसलें से तंग और वो मेरे हौसले से दंग रही।

यूँ ही नहीं होती हाथ की लकीरों के आगे उंगलियाँयूँ ही नहीं होती हाथ की,
लकीरों के आगे उंगलियाँ,
खुदा ने भी किस्मत से,
पहले मेहनत लिखी है।

किस्मत मात्र एक छलावा है कर्म के गीत गाओकिस्मत मात्र एक छलावा है कर्म के गीत गाओ,
हो गई सुबह ख्वाब छोड़ो हकीकत से आँख मिलाओ।

लेके अपनी अपनी क़िस्मत आए थे गुलशन में गुललेके अपनी अपनी क़िस्मत,
आए थे गुलशन में गुल,
कुछ बहारों में खिले,
कुछ ख़िज़ाँ में खो गए।

कभी किस्मत कभी वक़्त पर इल्ज़ाकभी किस्मत, कभी वक़्त पर इल्ज़ा,
कभी गलती सितारों की तो कभी दूसरों की,
कितने पर्दे हाज़िर हैं यहां,
ख़ुद को छुपाने के लिए।

रोज़ वो ख़्वाब में आते हैं गले मिलने कोरोज़ वो ख़्वाब में आते हैं गले मिलने को,
मैं जो सोता हूँ तो जाग उठती है क़िस्मत मेरी।

वक्त और किस्मत पर कभी घमंड मत करोंवक्त और किस्मत पर,
कभी घमंड मत करों,
क्योंकि सुबह उनकी भी होती है,
जिन्हें कोई याद नहीं करता है।

काश किस्मत भी नींद की तरह होतीकाश किस्मत भी नींद की तरह होती,
हर सुबह खुल जाती।

इसी में इश्क़ की क़िस्मत बदल भी सकती थीइसी में इश्क़ की क़िस्मत बदल भी सकती थी,
जो वक़्त बीत गया मुझ को आज़माने में।

जिनका मिलना किस्मत में नही होता उनसे मोहब्बतजिनका मिलना किस्मत में नही होता,
उनसे मोहब्बत कसम से कमाल की होती है।

क़िस्मत मे है जो लिखा वो आखिर होकर रहताक़िस्मत मे है जो लिखा, वो आखिर होकर रहता,
हैं चंद लकीरें उलझी सी, हाथों में रखा ही क्या।

उम्मीद का लिबास तार तार ही सही पर सी लेना चाहिएउम्मीद का लिबास तार तार ही सही पर सी लेना चाहिए,
कौन जाने कब किस्मत माँग ले इसको सर छुपाने के लिए।

मुक़द्दर की लिखावट का एक ऐसा भी कायदा होमुक़द्दर की लिखावट का एक ऐसा भी कायदा हो,
देर से किस्मत खुलने वालो का दुगुना फायदा हो।


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