ज़िंदगी के तूफानों का साहिल है दोस्ती,
दिल के अरमानों की मंज़िल है दोस्ती,
ज़िंदगी भी बन जाएगी अपनी तो जन्नत,
अगर मौत आने तक साथ दे दोस्ती।
दोस्त समझते हो तो दोस्ती निभाते रहना,
हमें भी याद करना खुद भी याद आते रहना,
हमारी तो हर ख़ुशी दोस्तों से ही है,
हम खुश रहें या ना आप यूँ ही मुस्कुराते रहना।
वो दिल क्या जो मिलने की दुआ न करे,
तुम्हें भूल के जियूं ये खुदा न करे,
रहे तेरी दोस्ती मेरी ज़िन्दगी बनकर,
ये बात और है कि ज़िन्दगी वफा न करे।
उम्मीद ऐसी हो जो जीने को मजबूर करे,
राह ऐसी हो जो चलने को मजबूर करे,
महक कम न हो कभी अपनी दोस्ती की,
दोस्ती ऐसी हो जो मिलने को मजबूर करे।
यह सफ़र दोस्ती का कभी खत्म न होगा,
दोस्तों से प्यार कभी कम न होगा,
दूर रहकर भी जब रहेगी महक इसकी,
हमें कभी बिछड़ने का ग़म न होगा।
खुशी की परछाइयों का नाम है दोस्ती,
गमों की गहराईओं का जाम है दोस्ती,
एक प्यारा सा दोस्त है हमारा यहाँ,
उसकी प्यारी सी हँसी का नाम है दोस्ती।
वो याद नहीं करते हम भुला नहीं सकते,
वो हँसा नहीं सकते हम रुला नहीं सकते,
दोस्ती इतनी खूबसूरत है हमारी,
वो बता नहीं सकते हम जता नहीं सकते।
तू इस कदर मुझे अपने करीब लगता है,
तुझे अलग से जो सोचूं तो अजीब लगता है,
ये दोस्ती, ये मरासिम, ये चाहतें, ये खुलूस,
कभी कभी ये सब कुछ अजीब लगता है।
जिंदगी हर पल कुछ खास नहीं होती,
फूलों की खुशबू पास नहीं होती,
मिलना हमारी तक़दीर में था वरना,
इतनी प्यारी दोस्ती इत्तेफाक नहीं होती।
छोटी-बड़ी शरारतों का अंजाम है दोस्ती,
कहे अनकहे रिश्तों का पैगाम है दोस्ती,
दिन-रात की मस्ती का नाम है दोस्ती,
लेकिन आपके बिना बेजान है ये दोस्ती।
मेहनत से रोटी मिलती है,
किस्मत से दौलत मिलती है,
खुदा की खास नजर है जिस बंदे पर,
उसे हमारी दोस्ती मिलती है.
किस हद तक जाना है ये कौन जानता है,
किस मंजिल को पाना है ये कौन जानता है,
दोस्ती के दो पल जी भर के जी लो,
किस रोज़ बिछड जाना है ये कौन जानता है।
सोचा था न करेंगे किसी से दोस्ती,
और न ही करेंगे किसी से वादा,
पर क्या करे दोस्त मिला इतना प्यारा,
कि करना पड़ा दोस्ती का इरादा।
दोस्ती करके देखो,
दोस्ती में दोस्त अनमोल होता है,
यह एहसास तब होता है,
जब दोस्त दोस्त से अलग होता है।
इश्क ओर दोस्ती मेरे दो जहान है,
इश्क मेरी रुह, तो दोस्ती मेरा ईमान है,
इश्क पर तो फिदा करदु अपनी पुरी जिंदगी,
पर दोस्ती पर, मेरा इश्क भी कुर्बान है।
हम दोस्त बनाकर किसी को रुलाते नहीं,
दिल में बसाकर किसी को भुलाते नहीं,
हम तो दोस्त के लिए जान भी दे सकते हैं,
और तुम सोचते हो हम दोस्ती निभाते नहीं।
इश्क़ और दोस्ती मेरी ज़िन्दगी के दो जहाँ है,
इश्क़ मेरा रूह तो दोस्ती मेरा ईमान है,
इश्क़ पे कर दूँ फ़िदा अपनी सारी ज़िन्दगी,
मगर दोस्ती पे तो मेरा इश्क़ भी कुर्बान है।
दुनियादारी में हम थोड़े कच्चे हैं,
पर दोस्ती के मामले में सच्चे हैं,
हमारी सच्चाई बस इस बात पर कायम है,
कि हमारे दोस्त हमसे भी अच्छे हैं।
करनी है खुदा से गुजारिश,
तेरी दोस्ती के सिवा कोई बंदगी न मिले,
हर जनम में मिले दोस्त तेरे जैसा,
या फिर कभी जिंदगी न मिले।
महक दोस्ती की प्यार से कम नहीं होती,
इश्क़ से ज़िन्दगी शुरू या खत्म नहीं होती,
अगर साथ हो ज़िन्दगी में अच्छे दोस्तों का,
तो यह ज़िन्दगी भी जन्नत से कम नहीं होती।