वक्त और किस्मत पर,
कभी घमंड मत करों,
क्योंकि सुबह उनकी भी होती है,
जिन्हें कोई याद नहीं करता है।
बिन लगाए पौधा फूल नहीं खिलता,
वक्त से पहले और किस्मत से ज्यादा,
किसी को कुछ नहीं मिलता।
कभी किस्मत, कभी वक़्त पर इल्ज़ा,
कभी गलती सितारों की तो कभी दूसरों की,
कितने पर्दे हाज़िर हैं यहां,
ख़ुद को छुपाने के लिए।
वक्त और किस्मत पर,
कभी घमंड मत करों,
क्योंकि सुबह उनकी भी होती है,
जिन्हें कोई याद नहीं करता है।
बहुत खूबसूरत है आंखे तुम्हारी,
इन्हें बना दो किस्मत हमारी,
हमें नहीं चाहिये ज़माने की खुशियाँ,
अगर मिल जाये मोहब्बत तुम्हारी।
लेके अपनी अपनी क़िस्मत,
आए थे गुलशन में गुल,
कुछ बहारों में खिले,
कुछ ख़िज़ाँ में खो गए।