Trending - Holi

Thursday | Army | Attitude | Congratulations 🎉 | Good Morning 🌞 | Good Night 😴 | Love 💕 | Motivational 🔥 | Rain 🌧️ | Sad 😢 | Name On Cake 🎂


Home Dosti Shayari Dosti Shayari 2 Lines in Hindi - दोस्ती शायरी 2 लाइन इन हिंदी

दोस्ती इम्तिहान नहीं विश्वास चाहती है

दोस्ती इम्तिहान नहीं विश्वास चाहती हैदोस्ती इम्तिहान नहीं विश्वास चाहती है,
नज़र कुछ और नहीं बस दोस्त का दीदार चाहती है।

See More From: Dosti Shayari 2 Line
मेरी दोस्ती का फायदा उठा लेनामेरी दोस्ती का फायदा उठा लेना,
क्युंकी मेरी दुश्मनी का नुकसान सह नही पाओगे।

मैं कोई रिश्ता नहीं हूँ जो निभाओगे मुझेमैं कोई रिश्ता नहीं हूँ, जो निभाओगे मुझे,
बस दोस्त हूँ, दोस्ती से ही पाओगे मुझे।

सबके अपने उसूल होते हैंसबके अपने उसूल होते हैं,
दोस्ती के लिए कांटे भी कुबूल होते हैं।

ढल जाती है हर चीज़ वक्त पे अपनेढल जाती है हर चीज़ वक्त पे अपने,
एक दोस्ती है, जो कभी बूढ़ी नहीं होती।

हमारी दोस्ती में सोच समझकर कदम रखनाहमारी दोस्ती में सोच समझकर कदम रखना,
यहां आने के बाद जमानत नहीं होती।

सफर है दोस्ती का जिसका कभी अंत नही होतासफर है दोस्ती का, जिसका कभी अंत नही होता,
दोस्ती है हमारी सबसे प्यारी, जो कभी खत्म नहीं होता।

दो ऊँगली जोड़ने से दोस्ती हो जाती हैदो ऊँगली जोड़ने से दोस्ती हो जाती है,
यही तो दोस्ती की ख़ूबसूरती कहलाती है।

ना तुम दूर जाना ना हम दूर जाएंगेना तुम दूर जाना ना हम दूर जाएंगे,
अपने-अपने हिस्से की दोस्ती हम निभाएंगे।

खूबिया मिलती है तो शादी होती हैखूबिया मिलती है तो शादी होती है,
मगर कमिया मिलती है तो दोस्ती होती है।

अगर दोस्ती हो जाए रूह से तो उसका रुतबा भीअगर दोस्ती हो जाए रूह से,
तो उसका रुतबा भी मोहब्बत से कम थोड़ी ना हैं।

ये दोस्ती का गणित है साहबये दोस्ती का गणित है साहब,
यहाँ 2 में से 1 गया तो कुछ नहीं बचता।

गुण मिलने पर शादी होती हैगुण मिलने पर शादी होती है,
और अवगुण मिलने पर दोस्ती।

न दोस्ती से रहे और न दुश्मनी से रहेन दोस्ती से रहे और न दुश्मनी से रहे,
हमें तमाम गिले अपनी आगही से रहे।

हमारी दोस्ती एक दूजे से ही पूरी हैहमारी दोस्ती एक दूजे से ही पूरी है,
वरना रास्ते के बिना तो मंज़िल अधूरी है।

दोस्ती इम्तिहान नहीं विश्वास चाहती हैदोस्ती इम्तिहान नहीं विश्वास चाहती है,
नज़र कुछ और नहीं बस दोस्त का दीदार चाहती है।

समझता ही नहीं वो शक्स मेरे अल्फ़ाज़ों की गहराईसमझता ही नहीं वो शक्स मेरे अल्फ़ाज़ों की गहराई,
मैने हर वो लफ्ज़ कह दिया जिसमें दोस्ती हो।

दोस्ती का फर्ज इस तरह निभाया जायेदोस्ती का फर्ज इस तरह निभाया जाये,
अगर रहीम रहे भूखा तो राम से भी ना खाया जाये।

दोस्ती मोहताज़ हो सकती है दो शख्स कीदोस्ती मोहताज़ हो सकती है दो शख्स की,
पर इश्क़ तो एकतरफ़ा ही काफी है जनाब।

अपनी दोस्ती का बस इतना सा उसूल हैअपनी दोस्ती का बस इतना सा उसूल है,
जब तू कबूल है तो तेरा सब-कुछ कुबूल है।

दोस्ती भी कमाल की होती हैदोस्ती भी कमाल की होती है,
वजनदार होती है फिर भी बोझ नहीं लगती।


Categories