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Home Dosti Shayari Dosti Shayari 2 Lines in Hindi - दोस्ती शायरी 2 लाइन इन हिंदी

शर्ते लगाई जाती नहीं दोस्ती के साथ

शर्ते लगाई जाती नहीं दोस्ती के साथशर्ते लगाई जाती नहीं दोस्ती के साथ,
कीजिये कुबूल मुझको मेरी हर कमी के साथ।

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दोस्ती का फर्ज इस तरह निभाया जायेदोस्ती का फर्ज इस तरह निभाया जाये,
अगर रहीम रहे भूखा तो राम से भी ना खाया जाये।

दोस्ती जो इतिहास बना दे सभी दोस्तों का प्यार बना देदोस्ती जो इतिहास बना दे,
सभी दोस्तों का प्यार बना दे।

जरूरी नही की रिलेशनशिप ही होजरूरी नही की रिलेशनशिप ही हो,
कुछ लोगो की दोस्ती भी प्यार से बढ़कर होती है।

दोस्तों की दोस्ती में कभी कोई रूल नहीं होता हैदोस्तों की दोस्ती में कभी कोई रूल नहीं होता है,
और ये सिखाने के लिए कोई स्कूल नहीं होता है।

सफर है दोस्ती का जिसका कभी अंत नही होतासफर है दोस्ती का, जिसका कभी अंत नही होता,
दोस्ती है हमारी सबसे प्यारी, जो कभी खत्म नहीं होता।

अपनी दोस्ती का बस इतना सा उसूल हैअपनी दोस्ती का बस इतना सा उसूल है,
जब तू कबूल है तो तेरा सब-कुछ कुबूल है।

दावे दोस्ती के मुझे नहीं आते यारोदावे दोस्ती के मुझे नहीं आते यारो,
एक जान है, जब दिल चाहें मांग लेना।

मेरी दोस्ती के जादू से तुम अभी वाकिफ नहीं होमेरी दोस्ती के जादू से तुम अभी वाकिफ नहीं हो,
हम जीना सिखा देते है उसे भी जिसने मरने के ठानी हो।

मैं कोई रिश्ता नहीं हूँ जो निभाओगे मुझेमैं कोई रिश्ता नहीं हूँ, जो निभाओगे मुझे,
बस दोस्त हूँ, दोस्ती से ही पाओगे मुझे।

दोस्ती अगर दूर भी होती है तो भी ये कोहिनूर होती हैदोस्ती अगर दूर भी होती है,
तो भी ये कोहिनूर होती है।

ये दोस्ती का गणित है साहबये दोस्ती का गणित है साहब,
यहाँ 2 में से 1 गया तो कुछ नहीं बचता।

बेवजह है तभी तो दोस्ती है वजह होती तो कारोबार होताबेवजह है तभी तो दोस्ती है,
वजह होती तो कारोबार होता।

दोस्ती इम्तिहान नहीं विश्वास चाहती हैदोस्ती इम्तिहान नहीं विश्वास चाहती है,
नज़र कुछ और नहीं बस दोस्त का दीदार चाहती है।

फर्क तो अपनी सोच मे है जनाबफर्क तो अपनी सोच मे है जनाब,
वर्ना दोस्ती भी मोहब्बत से कम नही होती।

समझता ही नहीं वो शक्स मेरे अल्फ़ाज़ों की गहराईसमझता ही नहीं वो शक्स मेरे अल्फ़ाज़ों की गहराई,
मैने हर वो लफ्ज़ कह दिया जिसमें दोस्ती हो।

इतने प्यार से दोस्ती की हैइतने प्यार से दोस्ती की है,
ज़िंदगी रही तो मुलाकात भी होगी।

दोस्ती मुबारक सबको टेलिग्राम वालीदोस्ती मुबारक सबको टेलिग्राम वाली,
ना देखा, ना मिले, पर मुलाक़ात रोज की है।

जी लो इन लम्हों को ए दोस्तजी लो इन लम्हों को ए दोस्त,
फिर लौट के दोस्ती के ज़माने नहीं आते।

खूबिया मिलती है तो शादी होती हैखूबिया मिलती है तो शादी होती है,
मगर कमिया मिलती है तो दोस्ती होती है।

दोस्ती किससे न थी किससे मुझे प्यार न थादोस्ती किससे न थी किससे मुझे प्यार न था,
जब बुरे वक़्त पे देखा तो कोई यार न था।


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