मेरी क़िस्मत की लड़ाई में खुद लड़ूंगा,
चाहें वो मिले ना मिले,
मेरी ज़िन्दगी है मैं खुद जीऊंगा।
प्यार की कली सबके लिए खिलती नहीं,
चाहने पर हर एक चीज मिलती नहीं,
सच्चा प्यार किस्मत से ही मिलता है,
और हर किसी को ऐसी तकदीर मिलती नहीं।
यूँ ही नहीं होती हाथ की,
लकीरों के आगे उंगलियाँ,
खुदा ने भी किस्मत से,
पहले मेहनत लिखी है।
कुछ लोग किस्मत की तरह होते हैं,
जो दुआ से मिलते हैं,
और कुछ लोग दुआ की तरह होते हैं,
जो किस्मत बदल देते हैं।
मेरी क़िस्मत की लड़ाई में खुद लड़ूंगा,
चाहें वो मिले ना मिले,
मेरी ज़िन्दगी है मैं खुद जीऊंगा।
लेके अपनी अपनी क़िस्मत,
आए थे गुलशन में गुल,
कुछ बहारों में खिले,
कुछ ख़िज़ाँ में खो गए।
बिन लगाए पौधा फूल नहीं खिलता,
वक्त से पहले और किस्मत से ज्यादा,
किसी को कुछ नहीं मिलता।
किस्मत से टकराने का,
जिंदगी में मजा है यहीं,
ये मुझे जीतने नहीं देती,
और मैं हार मानने वाला नहीं।