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Home Chai Shayari Chai Shayari 2 Lines in Hindi - चाय शायरी 2 लाइन इन हिंदी

सिर्फ मुझे ही नहीं इन चाय की कपो को भी

सिर्फ मुझे ही नहीं इन चाय की कपो को भीसिर्फ मुझे ही नहीं इन चाय की कपो को भी,
लगी हैं लत तेरे होठों की।

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चाय के साथ बिस्किट ने ये सबक तो दिया केचाय के साथ बिस्किट ने ये सबक तो दिया के,
किसी में इतना डूबोगे तो टूट जाओगे।

चाय से आशिक़ी का मेरा ख्याल नहीं बदलेगाचाय से आशिक़ी का मेरा ख्याल नहीं बदलेगा,
साल तो बदलेगा मगर दिल का हाल नहीं बदलेगा।

चाय अदरक वाली मोहब्बत झुमके वालीचाय अदरक वाली, मोहब्बत झुमके वाली,
सूरत बेरोज़गारों वाली, हरकते शायरों वाली।

मन के थकान को दूर करती है चायमन के थकान को दूर करती है चाय,
स्वाद बढ़ जाएँ अगर आपके हाथो से मिल जाएँ?

जुर्म एक संगीन किया जाए आप के साथजुर्म एक संगीन किया जाए आप के साथ,
सुबह को रंगीन किया जाए चाय के साथ।

इश्क़ अगर चाय से हो तोइश्क़ अगर चाय से हो तो,
हर चाय पीने वाली लड़की कमाल लगती है।

आज फिर साथ बैठकर चाय का मजा लेते हैआज फिर साथ बैठकर चाय का मजा लेते है,
हमारी मोहब्बत को एक नई बुलंदी पर ले जाते है।

शिकायतें वहां होती हैं जहाँ हिसाब होते हैंशिकायतें वहां होती हैं, जहाँ हिसाब होते हैं,
चाय तो मोहब्बत है, जिसका प्यार बेहिसाब है।

चलो उस शहर चलते हैं जहां चाय के दीवानेचलो उस शहर चलते हैं,
जहां चाय के दीवाने हर गली नुक्कड़ में मिलते हैं।

किसको बोलो हैलो किसको बोलू हायकिसको बोलो हैलो, किसको बोलू हाय,
हर टेंशन हा एक ही हल, अदरक वाली चाय।

मैं पीसती रही इलायची, अदरख, दालचीनीमैं पीसती रही इलायची, अदरख, दालचीनी,
पर महक चाय से तेरी यादों की आयी।

कतरा कतरा मेरे हलक को तर करती हैकतरा कतरा मेरे हलक को तर करती है,
मेरे रग-रग में चाय सफर करती है।

हर एक सवाल में ज़िन्दगी उलझती गई, पीते ही चाय हर मुश्किल सुलझती गई।हर एक सवाल में ज़िन्दगी उलझती गई,
पीते ही चाय हर मुश्किल सुलझती गई।

ये चाय की मोहब्बत तुम क्या जानोये चाय की मोहब्बत तुम क्या जानो,
हर एक घूँट में एक अलग ही नशा है।

हमें तुमसे उतनी ही मोहब्बत हैहमें तुमसे उतनी ही मोहब्बत है,
जितनी काली चाय को दूध से।

आओ न सुबह की चाय पिलाते हैंआओ न सुबह की चाय पिलाते हैं,
मीठे में शक्कर की जगह इश्क मिलाते हैं।

अपनी अपनी फितरत है जनाबअपनी अपनी फितरत है जनाब,
उन्होंने बेवफाई नहीं छोड़ी, हमने चाय नहीं छोड़ी।

सिर्फ मुझे ही नहीं इन चाय की कपो को भीसिर्फ मुझे ही नहीं इन चाय की कपो को भी,
लगी हैं लत तेरे होठों की।

रिश्तों में मिठास आखिर क्यूं न होरिश्तों में मिठास आखिर क्यूं न हो,
आपके महबूब को चाय जो पसंद है।

चाय तो सिर्फ दवा है साहेबचाय तो सिर्फ दवा है साहेब,
दर्द तो कुछ और ही है।


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