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Home Chai Shayari Chai Shayari 2 Lines in Hindi - चाय शायरी 2 लाइन इन हिंदी

चलो उस शहर चलते हैं जहां चाय के दीवाने

चलो उस शहर चलते हैं जहां चाय के दीवानेचलो उस शहर चलते हैं,
जहां चाय के दीवाने हर गली नुक्कड़ में मिलते हैं।

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माँ के हाथो की चाय ने रोक रखा हैमाँ के हाथो की चाय ने रोक रखा है,
वरना कबके घर छोड़ कर निकल गए होते।

हर वक़्त जहन में दर्द दवा भी नाक़ाम हैंहर वक़्त जहन में दर्द, दवा भी नाक़ाम हैं,
हर दर्द को भुला दे, न ही वो चाय की दुकान है।

कतरा कतरा मेरे हलक को तर करती हैकतरा कतरा मेरे हलक को तर करती है,
मेरे रग-रग में चाय सफर करती है।

चलो उस शहर चलते हैं जहां चाय के दीवानेचलो उस शहर चलते हैं,
जहां चाय के दीवाने हर गली नुक्कड़ में मिलते हैं।

रिश्तों में मिठास आखिर क्यूं न होरिश्तों में मिठास आखिर क्यूं न हो,
आपके महबूब को चाय जो पसंद है।

चाय के साथ बिस्किट ने ये सबक तो दिया केचाय के साथ बिस्किट ने ये सबक तो दिया के,
किसी में इतना डूबोगे तो टूट जाओगे।

ठंडा जरा अपना लहजा रखनाठंडा जरा अपना लहजा रखना,
क्योंकि गर्म तो सिर्फ मुझे चाय पसंद है।

उसकी हर घूंट हर चुस्की भी कमाल हैउसकी हर घूंट, हर चुस्की भी कमाल है,
सांवली रंग की चाय, ही जिंदगी में बवाल है।

हल्के में मत लेना तुम सांवले रंग कोहल्के में मत लेना तुम सांवले रंग को,
दूध से कहीं ज्यादा देखे है मैंने शौकीन चाय के

जिंदगी असली वही जीते हैजिंदगी असली वही जीते है,
कैसा भी हाल हो वो बस चाय पीते है।

छोड़कर जा रहा हूं मै हमसफ़र तेरा शहरछोड़कर जा रहा हूं मै हमसफ़र तेरा शहर,
हो सके तो मुझको चाय पिलाकर रवाना कर।

ज़िन्हे चाय से लगाव होता हैज़िन्हे चाय से लगाव होता है,
उसके दिल में जरूर घाव होता हैं

अपनी अपनी फितरत है जनाबअपनी अपनी फितरत है जनाब,
उन्होंने बेवफाई नहीं छोड़ी, हमने चाय नहीं छोड़ी।

मैं पीसती रही इलायची, अदरख, दालचीनीमैं पीसती रही इलायची, अदरख, दालचीनी,
पर महक चाय से तेरी यादों की आयी।

सिर्फ मुझे ही नहीं इन चाय की कपो को भीसिर्फ मुझे ही नहीं इन चाय की कपो को भी,
लगी हैं लत तेरे होठों की।

ये गरम चाय तो यूं ही बदनाम हैये गरम चाय तो यूं ही बदनाम है,
कलेजा तो आपकी बेरुखी से जलता है,

चाय तो सिर्फ दवा है साहेबचाय तो सिर्फ दवा है साहेब,
दर्द तो कुछ और ही है।

हम तुम शायरी और एक कप चायहम तुम शायरी और एक कप चाय,
ख्वाब भी देखो जाना मेरे कितने हसीन है।

चाय के नशे का आलम तो कुछ यह है गालिबचाय के नशे का आलम तो कुछ यह है गालिब,
कोई राई भी दे तो अदरक वाली बोल देते है।

मेरी जिंदगी कुछ इस कदर मुकम्मल हो जाएमेरी जिंदगी कुछ इस कदर मुकम्मल हो जाए,
एक कप चाय तेरे हाथ की बनी मिल जाए।


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