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Home Akelapan Shayari Akelapan Shayari in Hindi- अकेलापन शायरी इन हिंदी

जनाब कैसे मुकम्मल हो उस इश्क़ की दास्तां

जनाब कैसे मुकम्मल हो उस इश्क़ की दास्तांजनाब कैसे मुकम्मल हो उस इश्क़ की दास्तां,
जिसकी फितरत में ही अकेलापन होता है।

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मेरा नसीब अच्छा था जो तेरा दीदार हो गयामेरा नसीब अच्छा था जो तेरा दीदार हो गया,
पहले मैं अकेली थी और अब अकेलेपन की शिकार हो गयी।

क्या करेंगी इस खाली इमारत जैसे दिल का हाल जानकेक्या करेंगी इस खाली इमारत जैसे दिल का हाल जानके,
क्यूंकी अब तो इसे भी अकेलेपन से मोहब्बत सी हो गई है।

अकेलापन एक सज़ा सी हैअकेलापन एक सज़ा सी है,
लेकिन इसमें जीने में भी अपना अलग ही मज़ा है।

सुनो तुम्हारे जाने के बाद हम कभी अकेलापन महसूस ही नहीं कर पायेंसुनो तुम्हारे जाने के बाद हम कभी,
अकेलापन महसूस ही नहीं कर पायें,
क्या करते कमबख्त तनहाईयों को,
मोहब्बत जो हो गई है हमसे।

तन्हाइयों के घरौंदे में हम बस गएतन्हाइयों के घरौंदे में हम बस गए,
जो अकेलेपन की दास्तां सुनाई,
तो मेरी बातों पर लोग हँस दिए।

तन्हाई मे अकेलापन सहा ना जाएगातन्हाई मे अकेलापन सहा ना जाएगा,
पर महफ़िल मे अकेला रहा ना जाएगा,
उनका साथ ना हो फिर भी जिया जाएगा,
पर उनका साथ कोई और हो ये सहा ना जाएगा।


तुम्हारे जाने के बाद हम कभी अकेलापन महसूस ही नहीं कर पायेंतुम्हारे जाने के बाद हम कभी,
अकेलापन महसूस ही नहीं कर पायें,
क्या करते कमबख्त तनहाईयों को,
मोहब्बत जो हो गई है हमसे।

दीप रातों को जलाके रखिये फूल काँटों में खिलाके रखियेदीप रातों को जलाके रखिये,
फूल काँटों में खिलाके रखिये,
जाने कब घेर ले अकेलापन,
एक-दो दोस्त बनाके रखिये।

उफ़ अकेलापन ये कितना बढ़ गया हैउफ़, अकेलापन ये कितना बढ़ गया है,
सबके मोबाइल में केवल सेल्फ़ियाँ हैं।

तेरे जाने के बाद मैंने कितनों को यु आज़माया हैंतेरे जाने के बाद मैंने कितनों को यु आज़माया हैं,
मगर कोई भी मेरे इस अकेलेपन को दूर नहीं कर पाया हैं।

अकेलापन अब हमे सताता हैअकेलापन अब हमे सताता है,
दिन मे सपने ओर रातो को जागता है।

क्या कहें कि अकेलापन क्यों मुझे इतना भाता हैक्या कहें कि अकेलापन क्यों मुझे इतना भाता है,
खुद से बातों में अक्सर मेरा वक्त गुज़र जाता है।

मुझे मेरा अकेलापन ही कुछ ज्यादा भाता हैमुझे मेरा अकेलापन ही कुछ ज्यादा भाता है,
इन खोखले बनावटी रिश्तों के बीच दिल घबराता है।

अकेलापन दिलजलों को खूब भाता हैअकेलापन दिलजलों को खूब भाता है,
यादों के मारों को सुकून, तन्हाई में ही मिल पाता है।

कौन कहता है जनाब ये अकेलापन छलता हैकौन कहता है जनाब ये अकेलापन छलता है,
जब जिंदगी की समझ हो जाए तो खुद का साथ भी भाता है।

अब मुझे रास आ गया है अकेलापनअब मुझे रास आ गया है अकेलापन,
अब आप अपने वक्त का अचार डालिए।

अकेलेपन से दिल जाने क्यूँ घबरा रहा हैअकेलेपन से दिल जाने क्यूँ घबरा रहा है,
मुझें वो तेरी बातें फिर से याद दिला रहा है।

मैं अकेलेपन में खुद को तुमसे छिपाते जा रहे हूँमैं अकेलेपन में खुद को तुमसे छिपाते जा रहे हूँ,
अपनी ही नजरों में खुद को गिराते जा रहा हूँ।

अकेलेपन से कोई बैर नही है मुझेअकेलेपन से कोई बैर नही है मुझे,
डरता हूँ की कोई याद ना आ जाये मुझे।

तन्हा दिन तन्हा रातें अकेलेपन में भी याद आती हैं सिर्फ तेरी बातेंतन्हा दिन, तन्हा रातें,
अकेलेपन में भी, याद आती हैं सिर्फ तेरी बातें,
कोशिश कर लूं छुपाने की,
पर बाहर आ ही जाती हैं जज़्बातें।


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