Trending - Holi

Saturday | Army | Attitude | Congratulations 🎉 | Good Morning 🌞 | Good Night 😴 | Love 💕 | Motivational 🔥 | Rain 🌧️ | Sad 😢 | Name On Cake 🎂


Home Zuban Shayari Zuban Shayari in Hindi - जुबान शायरी इन हिंदी

अकेले में अपने विचारो पर नियंत्रण रखिए

अकेले में अपने विचारो पर नियंत्रण रखिएअकेले में अपने विचारो पर नियंत्रण रखिए,
और लोगों के बीच अपने जुबां पर।

See More From: Zuban Shayari
लफ्जों की दहलीज पर घायल ज़ुबान हैलफ्जों की दहलीज पर घायल ज़ुबान है,
कोई तन्हाई से, तो कोई महफ़िल से परेशान है.

जुबान का वजन बहुत कम होता हैजुबान का वजन बहुत कम होता है,
पर बहुत कम लोग इसे सम्हाल पाते है।

 न जान तो क़ातिल को ख़ूँ-बहा दीजिएरहे न जान तो क़ातिल को ख़ूँ-बहा दीजिए,
कटे ज़बान तो ख़ंजर को मरहबा कहिए।

रिश्तो के बजार में आजकल वो लोग हमेशा अकेले पाये जाते हैंरिश्तो के बजार में आजकल,
वो लोग हमेशा अकेले पाये जाते हैं साहब,
जो दिल और जुबान के सच्चे होते हैं।

लम्बा धागा और लम्बी जुबान केवल समस्यायें ही देती हैंलम्बा धागा और लम्बी जुबान,
केवल समस्यायें ही देती हैं,
इसीलिए धागे को लपेटकर और,
जुबान को समेटकर रखना चाहिए।

अगर चराग़ की लौ पर ज़बान रख देताअगर चराग़ की लौ पर ज़बान रख देता,
ज़बान जलती भी कब तक चराग़ जलने तक।

हर इक ज़बान को यारो सलाम करते चलोहर इक ज़बान को यारो सलाम करते चलो,
गिरोह की है न फ़िरक़े की और न मज़हब की।

था जहाँ कहना वहाँ कह न पाये उम्र भरथा जहाँ कहना वहाँ कह न पाये उम्र भर,
कागज़ों पर यूँ शेर लिखना बेजुबानी ही तो है।

बहुत खूब है यूँ आपका शब्दों में मुझे लिखनाबहुत खूब है यूँ आपका शब्दों में मुझे लिखना,
वरना तो सबने मुझे सदा बेजुबां ही माना है।

जब से ये अक्ल जवान हो गयीजब से ये अक्ल जवान हो गयी,
तब से ख़ामोशी ही हमारी जुबान हो गयी।

अधूरी दास्तान व्यक्त करती एक किताब हूँ मैंअधूरी दास्तान व्यक्त करती एक किताब हूँ मैं,
अल्फ़ाज़ों से भरपूर मगर खामोश जुबान हूँ मैं।

जुबान पे उल्फत के अफसाने नहीं आतेजुबान पे उल्फत के अफसाने नहीं आते,
जो बीत गए फिर से वो फसाने नहीं आते,
यार ही होते हैं यारो के हमदर्द,
कोई फ़रिश्ते यहाँ साथ निभाने नहीं आते।

ए मेरी कलम इतना सा अहसान कर देए मेरी कलम इतना सा अहसान कर दे,
कह ना पाई जो जुबान वो बयान कर दे।

लोग न जाने किस तरह संभालेगें ये जिंदगी के रिश्तेलोग, न जाने किस तरह,
संभालेगें ये जिंदगी के रिश्ते,
खुद की ज़रा सी जुबान तक,
तो संभाली नहीं जाती।

इंसान एक दुकान है और जुबान उसका तालाइंसान एक दुकान है,
और जुबान उसका ताला,
ताला खुलता है तभी मालूम होता है कि,
दुकान सोने की है या कोयले की।

दिल पे ताला, ज़बान पर पहरा,
यानी अब अर्ज़-ए-हाल से भी गए।

कहते है हर बात जुबां से हम इशारा नहीं करतेकहते है हर बात जुबां से हम इशारा नहीं करते,
आसमान पर चलने वाले जमीं से गुज़ारा नहीं करते,
हर हालात को बदलने की हिम्मत है हम में,
वक़्त का हर फैसला हम गंवारा नहीं करते।

इश्क ऐसी जुबान है प्यारे जिसे गूंगा भी बोल सकता हैइश्क ऐसी जुबान है प्यारे,
जिसे गूंगा भी बोल सकता है।

मशहूर राज़-ए-इश्क़ है किस के बयान सेमशहूर राज़-ए-इश्क़ है किस के बयान से,
मेरी ज़बान से कि तुम्हारी ज़बान से।

नाम उसका ज़ुबान पर आते आते रुक जाता हैनाम उसका ज़ुबान पर आते आते रुक जाता है,
जब कोई मुझसे मेरी आखिरी ख्वाहिश पूछता है।


Categories