अकेलेपन से दिल जाने क्यूँ घबरा रहा है,
मुझें वो तेरी बातें फिर से याद दिला रहा है।
ये अकेलापन मुझे भाने लगा अब,
करीब जाना मुझे चौकाने लगा अब।
हम अकेले नही रहते अकेलापन साथ आ जाता है,
हम रोते नही आँखो से दिल का दर्द बयान हो जाता है,
अकेला तो चाँद भी रह जाता है तारो की महफ़िल मे,
जब मानने वाला खुद ही रूठ जाता है।
अकेलापन एक सज़ा सी है,
लेकिन इसमें जीने में भी अपना अलग ही मज़ा है।
मैं अकेलेपन में खुद को तुमसे छिपाते जा रहे हूँ,
अपनी ही नजरों में खुद को गिराते जा रहा हूँ।
तन्हाई मे अकेलापन सहा ना जाएगा,
पर महफ़िल मे अकेला रहा ना जाएगा,
उनका साथ ना हो फिर भी जिया जाएगा,
पर उनका साथ कोई और हो ये सहा ना जाएगा।
ये अकेलापन क्या होता है,
ये उस पेड़ में बचे आखिरी पत्ते से पूछो जारा,
जिसने बस पतझड़ के आने की उम्मीद लगा रखी है।
ख्वाब बोये थे, और अकेलापन काटा है,
इस मोहब्बत में यारो, बहुत घाटा है।
जनाब कैसे मुकम्मल हो उस इश्क़ की दास्तां,
जिसकी फितरत में ही अकेलापन होता है।
अकेलापन क्या होता है कोई ताजमहल से पूछे,
देखने के लिए पूरी दुनिया आती है लेकिन रहता कोई नही।