राज-ए-हँसी का गर में तुम्हे बताऊँगा,
सोचता हूँ शायद में,
तेरे दर्द भरे जख्मो को और दबाऊंगा।
चेहरे की हंसी से हर गम छुपाओ,
बहुत कुछ बोलो पर कुछ ना बताओ,
खुद ना रुठो कभी, पर सब को मनाओ,
राज है ये जिंदगी का बस जीते चले जाओ।
गमों की शाम है,
चल हँस के गुजार लेंगे,
अब तक जो गलतियाँ हुई है हमसे,
इस बहाने चलो थोड़ा उसको सुधार लेंगे।
रिश्तों की है यह दुनिया हमारी,
सबसे प्यारी है यह हंसी तुम्हारी,
नहीं मंजूर है आंसू आंखो में तुम्हारी,
खुश हो जाते हम दिखने पे मुस्कान तुम्हारी।
होंठो पे हंसी, आंखों में खुशी,
गम का कही नाम ना हो,
ये त्योहार लाए आपकी जिंदगी में इतनी खुशियां,
जिनकी कभी शाम ना हो।
बहुतो को देखा हैं मैंने,
अपने गमो को हंसी के पीछे छिपाते हुए,
क्योकि समझ गए हैं वो,
ज़िन्दगी में ख़ुशी से बढ़कर कुछ नहीं।
आपकी हंसी में है,
एक नशीली कोमलता,
लगता है अब इसके बगैर,
मैं इत्मीनान से जी नहीं सकता।
होंठों पे आज हंसी खिल आई है,
प्यार की कीमत अब समझ में आई है,
जमाने वाले भी ना कर पाएंगे अलग,
अगर रब ने हमारी जोड़ी बनाई है।
आप की हंसी कभी कम ना हो,
आप की आंख कभी आंसुओ से नम ना हो,
मिले जिंदगी में हर खुशी आपको,
भले उस खुशी के हम हो ना हो।