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Home Barsaat Shayari Barsaat Shayari 2 Lines in Hindi - बरसात शायरी 2 लाइन इन हिंदी

होंठो पे हंसी तो हो मगर आँखों में बरसात ना आये

होंठो पे हंसी तो हो मगर आँखों में बरसात ना आयेहोंठो पे हंसी तो हो मगर,
आँखों में बरसात ना आये।

अश्रु से मधुकण लुटाता आ यहाँ मधुमासअश्रु से मधुकण लुटाता आ यहाँ मधुमास, अश्रु ही की हाट बन आती करुण बरसात।

तेरी गलियों में ना रखेंगे कदम आज के बादतेरी गलियों में ना रखेंगे कदम आज के बाद,
क्योंकि, किचड़ हो गया है, बरसात के बाद।

कल रोशनी की बरसात थी आज फिर अँधेरी रातकल रोशनी की बरसात थी, आज फिर अँधेरी रात,
बुझते हुए दीयों ने हम को भी बुझा दिया।

गुल तेरा रंग चुरा लाए हैं गुलज़ारों मेंगुल तेरा रंग चुरा लाए हैं गुलज़ारों में,
जल रहा हूँ भरी बरसात की बौछारो में।

रोया है फ़ुर्सत से कोई सारी रात यकीननरोया है फ़ुर्सत से कोई सारी रात यकीनन,
वर्ना रुख़सत-ए- फ़रवरी में यहाँ बरसात नहीं होती।

अब्र आँखों से उठे हैं तेरा दामन मिल जाएअब्र आँखों से उठे हैं तेरा दामन मिल जाए,
हुक्म हो तेरा तो बरसात मुकम्मल हो जाए।

जी करता है तेरे संग भीगू मोहब्बत की बरसात मेजी करता है तेरे संग भीगू मोहब्बत की बरसात मे,
और रब करे, उसके बाद तुझे इश्क़ का बुखार हो जाए।

मुझे मालूम है तुमने बहुत बरसातें देखी हैंमुझे मालूम है तुमने बहुत बरसातें देखी हैं,
मगर इन्ही आँखों से सावन हार जाता है।

एक वो है जो देखकर भी नहीं जान पातेएक वो है जो देखकर भी नहीं जान पाते,
और हमें बरसात में भी उसके आँसू दिख जाते।

वो मेरे रु-बा-रु आया भी तो बरसात के मौसम मेंवो मेरे रु-बा-रु आया भी तो बरसात के मौसम में,
मेरे आँसू बह रहे थे और वो बरसात समझ बैठा।

हमारे शहर आ जाओ सदा बरसात रहती हैहमारे शहर आ जाओ, सदा बरसात रहती है,
कभी बादल बरसते हैं, कभी आँखें बरसती हैं।

मिलकर भी उनसे हसरत-ए-मुलाकत रह गईमिलकर भी उनसे हसरत-ए-मुलाकत रह गई,
बादल तो घर आये थे, बस बरसात रह गई।

ख़तरे के निशान से ऊपर बह रहा है उम्र का पानीख़तरे के निशान से ऊपर बह रहा है उम्र का पानी,
वक़्त की बरसात है कि थमने का नाम नहीं ले रही।

बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जानेबरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने,
किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है।

सदाओं को अल्फाज़ मिलने न पाएँसदाओं को अल्फाज़ मिलने न पाएँ,
न बादल घिरेंगे, न बरसात होगी।

बचपन की जवानी भीग गई बरसात मेंबचपन की जवानी भीग गई बरसात में,
करोना हो जाएगा चलते हैं घर में।

बरसात की एक शाम अभी तक खिड़की पे बैठी है मेरीबरसात की एक शाम, अभी तक खिड़की पे बैठी है मेरी,
तू आये तो साथ आफ़ताब ले आना।

किस को ख़बर थी साँवले बादल बिन बरसे उड़ जाते हैंकिस को ख़बर थी साँवले बादल बिन बरसे उड़ जाते हैं,
सावन आया लेकिन अपनी क़िस्मत में बरसात नहीं।

माँ के अहसान की तादाद अगर कोई पूछे तोमाँ के अहसान की तादाद अगर कोई पूछे तो,
उस से कह दो कि बरसात की बूंदे गिन ले।

झिलमिलाते हुए अश्कों की लड़ी टूट गईझिलमिलाते हुए अश्कों की लड़ी टूट गई,
जगमगाती हुई बरसात ने दम तोड़ दिया।


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