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Home Akelapan Shayari Akelapan Shayari in Hindi- अकेलापन शायरी इन हिंदी

हमारे इस अकेलेपन ने हमें जीना सीखा दिया

हमारे इस अकेलेपन ने हमें जीना सीखा दियाहमारे इस अकेलेपन ने हमें जीना सीखा दिया,
बची हमारी ये हसीं तो उसे हमनें पहले ही भुला दिया।

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भीड़ में ये अकेलापन मुझसे मिलने जब आयाभीड़ में ये अकेलापन मुझसे मिलने जब आया,
क्या है ये अकेलापन मुझे समझ में तब आया।

उस की जुस्तजू इंतज़ार और अकेलापनउस की जुस्तजू, इंतज़ार और अकेलापन,
थक कर मुस्कुरा देता हूँ जब रोया नहीं जाता।

तेरे जाने के बाद मैंने कितनों को यु आज़माया हैंतेरे जाने के बाद मैंने कितनों को यु आज़माया हैं,
मगर कोई भी मेरे इस अकेलेपन को दूर नहीं कर पाया हैं।

यूँ ही बेवजह न मुझे वो खोजता होगायूँ ही बेवजह न मुझे वो खोजता होगा,
शायद उसे भी ये अकेलापन नोचता होगा।

अकेलेपन से दिल जाने क्यूँ घबरा रहा हैअकेलेपन से दिल जाने क्यूँ घबरा रहा है,
मुझें वो तेरी बातें फिर से याद दिला रहा है।

आज जो इस अकेलेपन का एहसास हुआ खुद कोआज जो इस अकेलेपन का एहसास हुआ खुद को,
तो समहाल नहीं पाया अपने इन आसुओं को।

अकेलेपन का अज़्मी हो भी तो एहसास कैसे होअकेलेपन का अज़्मी हो भी तो एहसास कैसे हो,
तसलसुल से हमारी शाम-ए-तन्हाई सफ़र में है।

तन्हाइयों के घरौंदे में हम बस गएतन्हाइयों के घरौंदे में हम बस गए,
जो अकेलेपन की दास्तां सुनाई,
तो मेरी बातों पर लोग हँस दिए।

कौन कहता है जनाब ये अकेलापन छलता हैकौन कहता है जनाब ये अकेलापन छलता है,
जब जिंदगी की समझ हो जाए तो खुद का साथ भी भाता है।

क्या कहें जनाब कि अकेलापन क्यों इतना भाता हैक्या कहें जनाब कि अकेलापन क्यों इतना भाता है,
खुद से बातों में अक्सर यू ही वक्त गुज़र जाता है।

जनाब खुद से खुद की पहचान करा देता है ये अकेलापनजनाब खुद से खुद की पहचान
करा देता है ये अकेलापन,
लोगो के बीच आपकी एक अलग सी
पहचान बना देता है ये अकेलापन।

जनाब कैसे मुकम्मल हो उस इश्क़ की दास्तांजनाब कैसे मुकम्मल हो उस इश्क़ की दास्तां,
जिसकी फितरत में ही अकेलापन होता है।

अजीब है मेरा अकेलापन ना खुश हूँ ना उदास हूँअजीब है मेरा अकेलापन,
ना खुश हूँ ना उदास हूँ,
बस खाली हूँ और खामोश हूँ।

क्या कहें कि अकेलापन क्यों मुझे इतना भाता हैक्या कहें कि अकेलापन क्यों मुझे इतना भाता है,
खुद से बातों में अक्सर मेरा वक्त गुज़र जाता है।

इस अकेलेपन में भी कितनी वफादारी हैइस अकेलेपन में भी कितनी वफादारी है,
मुझे कभी अकेला नही छोड़ता ये अकेलापन।

इस चार दिन की जिंदगी में हम अकेले रह गएइस चार दिन की जिंदगी में,
हम अकेले रह गए,
मौत का इंतजार करते करते,
अकेलेपन से मोहब्बत कर गए।

तन्हा दिन तन्हा रातें अकेलेपन में भी याद आती हैं सिर्फ तेरी बातेंतन्हा दिन, तन्हा रातें,
अकेलेपन में भी, याद आती हैं सिर्फ तेरी बातें,
कोशिश कर लूं छुपाने की,
पर बाहर आ ही जाती हैं जज़्बातें।

क्या करेंगी इस खाली इमारत जैसे दिल का हाल जानकेक्या करेंगी इस खाली इमारत जैसे दिल का हाल जानके,
क्यूंकी अब तो इसे भी अकेलेपन से मोहब्बत सी हो गई है।

बढ़ती नजदीकियों को अक्सर जुदाई में बदलते देखा हैबढ़ती नजदीकियों को अक्सर जुदाई में बदलते देखा है,
आज सोचा अपने अकेलेपन से नजदीकी बढ़ा के तो देखूं।

मेरा नसीब अच्छा था जो तेरा दीदार हो गयामेरा नसीब अच्छा था जो तेरा दीदार हो गया,
पहले मैं अकेली थी और अब अकेलेपन की शिकार हो गयी।


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