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Home Barsaat Shayari Barsaat Shayari 2 Lines in Hindi - बरसात शायरी 2 लाइन इन हिंदी

बरसात का मज़ा तेरे गेसू दिखा गए

बरसात का मज़ा तेरे गेसू दिखा गएबरसात का मज़ा तेरे गेसू दिखा गए,
अक्स आसमान पर जो पड़ा, अब्र छा गए।

मै आज भी अपने मुकद्दर से शर्त लगाता हूँमै आज भी अपने मुकद्दर से शर्त लगाता हूँ,
भरी बरसात में कागज की पतंग उड़ाता हूँ।

मुझे मालूम है तुमने बहुत बरसातें देखी हैंमुझे मालूम है तुमने बहुत बरसातें देखी हैं,
मगर इन्ही आँखों से सावन हार जाता है।

जी करता है तेरे संग भीगू मोहब्बत की बरसात मेजी करता है तेरे संग भीगू मोहब्बत की बरसात मे,
और रब करे, उसके बाद तुझे इश्क़ का बुखार हो जाए।

टपक पड़ते है आँसू जब किसी की याद आती हैटपक पड़ते है आँसू जब किसी की याद आती है,
ये वो बरसात है जिसका कोई मौसम नही होता।

गर मेरी चाहतों के मुताबिक जमाने में हर बात होतीगर मेरी चाहतों के मुताबिक, जमाने में हर बात होती,
तो बस मैं होता वो होती, और सारी रात बरसात होती।

बहुत प्रेम भरा है इन कच्चे मकानों के दिलों मेबहुत प्रेम भरा है, इन कच्चे मकानों के दिलों मे,
बरसात के पानी को भी अपने अन्दर जगह दे देते हैं।

बता किस कोने में सुखाऊँ तेरी यादेंबता किस कोने में सुखाऊँ तेरी यादें,
बरसात बाहर भी है और भीतर भी है।

आ गयी थी एक दिन तन्हाए भी जज़्बात मेंआ गयी थी एक दिन तन्हाए भी जज़्बात में,
आँख से भी कुछ बूँदें गिर पड़ी बरसात में।

अश्रु से मधुकण लुटाता आ यहाँ मधुमासअश्रु से मधुकण लुटाता आ यहाँ मधुमास, अश्रु ही की हाट बन आती करुण बरसात।

ज़ब्त ए घर ये कभी करता हों तो फरमाते हैंज़ब्त ए घर ये कभी करता हों तो फरमाते हैं,
आज क्या बात है बरसात नहीं होती है।

मेरे हिस्से की जमीं बंजर थी मै वाकीफ न थामेरे हिस्से की जमीं बंजर थी, मै वाकीफ न था,
बेसबब इल्जाम मै देता रहा बरसात को।

स्याही का सा एक दाग है दिल मेंस्याही का सा एक दाग है दिल में,
जो धुलता नहीं अश्कों की बरसात में भी।

ख़तरे के निशान से ऊपर बह रहा है उम्र का पानीख़तरे के निशान से ऊपर बह रहा है उम्र का पानी,
वक़्त की बरसात है कि थमने का नाम नहीं ले रही।

मिलकर भी उनसे हसरत-ए-मुलाकत रह गईमिलकर भी उनसे हसरत-ए-मुलाकत रह गई,
बादल तो घर आये थे, बस बरसात रह गई।

अब भी बरसात की रातों में बदन टूटता हैअब भी बरसात की रातों में बदन टूटता है,
जाग उठती हैं अजब ख़्वाहिशें अंगड़ाईयों की।

झिलमिलाते हुए अश्कों की लड़ी टूट गईझिलमिलाते हुए अश्कों की लड़ी टूट गई,
जगमगाती हुई बरसात ने दम तोड़ दिया।

बद-नसीबी का मैं कायल तो नहीं हूँबद-नसीबी का मैं कायल तो नहीं हूँ,
लेकिन मैंने बरसात में जलते हुए घर देखे है।

टूट पड़ती थीं घटाएँ जिन की आँखें देख करटूट पड़ती थीं घटाएँ जिन की आँखें देख कर,
वो भरी बरसात में तरसे हैं पानी के लिए।

मेरे जीवन में कुछ यूँ उसका आना हुआ जैसेमेरे जीवन में कुछ यूँ उसका आना हुआ जैसे,
बरसात के बाद आसमान में इंद्रधनुष हो।

माँ के अहसान की तादाद अगर कोई पूछे तोमाँ के अहसान की तादाद अगर कोई पूछे तो,
उस से कह दो कि बरसात की बूंदे गिन ले।


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