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Barish Shayari 2 Lines in Hindi - बारिश शायरी 2 लाइन इन हिंदी

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मुझे ऐसा ही ज़िन्दगी का एक पल चाहिए,
प्यार से भरी बारिश और संग तू चाहिए।

पहली बारिश का नशा ही कुछ अलग होता है,
पलको को छूते ही सीधा दिल पे असर होता है।

ये मौसम बारिश का, अब पसंद नहीं मुझे,
आंसू ही बहुत हैं मेरे भीग जाने के लिए।

हैरत से ताकता है सहरा बारिश के नज़राने को,
कितनी दूर से आई है ये रेत से हाथ मिलाने को।

बारिश से ज़्यादा तासीर है तेरी यादों मे,
हम अक्सर बंद कमरे मे भी भीग जाते हैं।

उसे देखते ही पता नहीं क्यू धुआं धुआं हो जाता हूं,
बंजर रण सा मै बरसात की बारिश बन के बरस जाता हूं।

दीवारो पर बस एक नाम लिखा था मुहब्बत,
बारिश की बूंदों ने उसे चूम चूम के मिटा दिया।

जो मुंह को आ रही थी, अब लिपटी है पाँव से,
बारिश के बाद खाक़ की फ़ितरत बदल गई।

रईसों के वास्ते बारिश ख़ुशी की बात सहीं,
मुफलिस की छत के लिये इम्तेहान होता है।

बारिश शराबे अरस है ये सोच कर अदम,
बारिश के सब हरूफ को उल्टा के पी गये।

दर ओ दीवार पे शक्लें सी बनाने आई,
फिर ये बारिश मेरी तन्हाई चुराने आई।

अब्र के चारों तरफ बाढ लगा दी जाये,
मुफ्त बारिश में नहाने पे सजा दी जाए।

प्यासे रहो न दश्त में बारिश के मुंतज़िर,
मारो ज़मीं पे पाँव कि पानी निकल पड़े।

जब तेज़ हवायें चलती है तो जान हमारी जाती है,
मौसम है बारिश का और याद तुम्हारी आती है।

सुना है बारिश में दुआ क़बूल होती है,
अगर हो इज्जाजत तो मांग लू तुम्हे?

बारिश की बुंदो में झलकती हैं उसकी तस्वीर,
आज फिर भीग बैठे उसे पाने की चाहत में।

फिर बारिश तो होनी थी,
हवा को दुख सुनाए थे मैनें।

जरा सी भी अदब नहीं हैं इस बारिश में,
कि उस बेवफा की तरह ये भी मुझ पर बरस जाती हैं।

मेरे दिल की जमीन बरसों से बंजर पडी है,
मै तो आज भी बारिश का इन्तेजार कर रहा हूँ।

उस ने बारिश में भी खिड़की खोल के देखा नहीं,
भीगने वालों को कल क्या क्या परेशानी हुई।

बरस रही थी बारिश बाहर,
और वो भीग रहा था मुझ में।

एक हम हैं जो इश्क़ कि बारिश करते है,
एक वह हैं जो भीगने को तैयार ही नहीं।

मौसम है बारिश का और याद तुम्हारी आती है,
बारिश के हर कतरे से आवाज तुम्हारी आती है।

बारिश की बूँदों में झलकती है तस्वीर उनकी और,
हम उनसे मिलनें की चाहत में भीग जाते हैं।

अजब लुत्फ़ का मंज़र देखता रहता हूँ बारिश में,
बदन जलता है और मैं भीगता रहता हूँ बारिश में।

पहले बारिश होती थी तो याद आते थे ,
अब याद आते हो तो बारिश होती है।

जब भी होगी पहली बारिश, तुमको सामने पायेंगे,
वो बूंदों से भरा चेहरा तुम्हारा हम देख तो पायेंगे।

बरसात का मौसम और बारिश कि बूंद,
और मुझे चाय कि तलब ।

सारे इत्त्रों की खुशबू आज मंद पड़ गयी,
मिट्टी में बारिश की बूंदें जो चंद पड़ गयी।

किया न करो मुझसे इश्क़ की बातें,
बिन बारिश के ही भीग जाती हैं रातें।

बारिशों की भी अपनी कहानी है,
जैसे अश्कों के साथ बहता पानी है।

बारिश की बूंदों को छातों से रोका न करो,
बेचारी बहुत दूर से तुमसे मिलने आती हैं।

ख़ुद को इतना भी मत बचाया कर,
बारिश हो तो भीग जाया कर।

बारिश का मौसम मुझे इसीलिये भाता है,
अंदर और बाहर का मौसम एक सा हो जाता है।

बारिश की बूँद बन, हम कुछ यूं बरस जाए तुझमें,
तू समंदर बन, समा ले हमें खुद में।

एक अर्से बाद बारिश हुई मेरे शहर में,
देखो ना, कुछ बूंदें अब तक पलकों से लिपटी हैं।

भीगते हैं जिस तरह से तेरी यादों में डूब कर,
इस बारिश में कहाँ वो कशिश तेरे खयालों जैसी।

पूछे कोई उससे के दुख है या खुशी है,
जाने क्यों बूँद कोई बारिश की पत्तों पे रुकी है।

न कोई छत्रछाया है, न कोई मोह माया है,
बारिश से ज्यादा तो मुझको, तेरी यादों ने भिगाया है।

कितना कुछ धुल गया आज इस बारिश में,
हाँ तुम्हारी यादों के पन्ने भी धुल गए इस बारिश में।

तेरे प्रेम की बारिश हो, मैं जलमग्न हो जाऊं,
तुम घटा बन चली आओ, मैं बादल बन जाऊं।

मासूम मोहब्बत का बस इतना फसाना है,
कागज की हवेली है, बारिश का ज़माना है।

पेडों की तरह हुस्न की बारिश में नहा लूं,
बादल की तरह झूम के घिर आओ किसी दिन।

भला काग़ज़ की इतनी कश्तियाँ हम क्यों बनाते हैं,
न वो गलियाँ कहीं हैं अब न वो बारिश का पानी है।

शायद कोई ख्वाहिश रोती रहती है,
मेरे अन्दर बारिश होती रहती है।

कहीं फिसल न जाऊं तेरे ख्यालों में चलते चलते,
अपनी यादों को रोको, मेरे शहर में बारिश हो रही है।

ज़रा ठहरो के बारिश है यह थम जाए तो फिर जाना,
किसी का तुझ को छु लेना मुझे अच्छ नहीं लगता।

बारिश की तरह तुझ पे बरसती रहे खुशियां,
हर बूँद तेरे दिल से हर एक गम को मिटा दे।

मेरा शहर तो बारिशों का घर ठहरा,
यहां की आँखे हो या दिल बहुत बरसती हैं।

बरसती बारिशों से बस इतना ही कहना है,
के इस तरह का मौसम मेरे अंदर भी रहता है।




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