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Home Akelapan Shayari Akelapan Shayari in Hindi- अकेलापन शायरी इन हिंदी

जनाब खुद से खुद की पहचान करा देता है ये अकेलापन

जनाब खुद से खुद की पहचान करा देता है ये अकेलापनजनाब खुद से खुद की पहचान
करा देता है ये अकेलापन,
लोगो के बीच आपकी एक अलग सी
पहचान बना देता है ये अकेलापन।

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मैं अकेलेपन में खुद को तुमसे छिपाते जा रहे हूँमैं अकेलेपन में खुद को तुमसे छिपाते जा रहे हूँ,
अपनी ही नजरों में खुद को गिराते जा रहा हूँ।

दीप रातों को जलाके रखिये फूल काँटों में खिलाके रखियेदीप रातों को जलाके रखिये,
फूल काँटों में खिलाके रखिये,
जाने कब घेर ले अकेलापन,
एक-दो दोस्त बनाके रखिये।

अकेलापन क्या होता है कोई ताजमहल से पूछेअकेलापन क्या होता है कोई ताजमहल से पूछे,
देखने के लिए पूरी दुनिया आती है लेकिन रहता कोई नही।

सुनो तुम्हारे जाने के बाद हम कभी अकेलापन महसूस ही नहीं कर पायेंसुनो तुम्हारे जाने के बाद हम कभी,
अकेलापन महसूस ही नहीं कर पायें,
क्या करते कमबख्त तनहाईयों को,
मोहब्बत जो हो गई है हमसे।

यूँ ही बेवजह न मुझे वो खोजता होगायूँ ही बेवजह न मुझे वो खोजता होगा,
शायद उसे भी ये अकेलापन नोचता होगा।

तुम्हारे जाने के बाद हम कभी अकेलापन महसूस ही नहीं कर पायेंतुम्हारे जाने के बाद हम कभी,
अकेलापन महसूस ही नहीं कर पायें,
क्या करते कमबख्त तनहाईयों को,
मोहब्बत जो हो गई है हमसे।

तन्हाइयों के घरौंदे में हम बस गएतन्हाइयों के घरौंदे में हम बस गए,
जो अकेलेपन की दास्तां सुनाई,
तो मेरी बातों पर लोग हँस दिए।

हम अकेले नही रहते अकेलापन साथ आ जाता हैहम अकेले नही रहते अकेलापन साथ आ जाता है,
हम रोते नही आँखो से दिल का दर्द बयान हो जाता है,
अकेला तो चाँद भी रह जाता है तारो की महफ़िल मे,
जब मानने वाला खुद ही रूठ जाता है।

क्या कहें जनाब कि अकेलापन क्यों इतना भाता हैक्या कहें जनाब कि अकेलापन क्यों इतना भाता है,
खुद से बातों में अक्सर यू ही वक्त गुज़र जाता है।

लिखने का कोई शौक नहीं मुझेलिखने का कोई शौक नहीं मुझे,
बस खुद को यु उलझाए रखा है इसमें,
क्योंकि इस अकेलेपन में तो बस,
सिर्फ उसकी याद आती हैं।

अकेलेपन का अज़्मी हो भी तो एहसास कैसे होअकेलेपन का अज़्मी हो भी तो एहसास कैसे हो,
तसलसुल से हमारी शाम-ए-तन्हाई सफ़र में है।

उफ़ अकेलापन ये कितना बढ़ गया हैउफ़, अकेलापन ये कितना बढ़ गया है,
सबके मोबाइल में केवल सेल्फ़ियाँ हैं।

मेरा अकेलापन ही मेरा साथी हैंमेरा अकेलापन ही मेरा साथी हैं,
मुझे किसी और की ज़रूरत नहीं,
क्या करे किसी से रिश्ता जोड़ कर,
जब की मुझे जिंदगी में और दर्द की ज़रूरत नहीं।

वो दूर का सितारा दूर हो कर भी अब अपना सा लगता हैवो दूर का सितारा दूर हो कर भी,
अब अपना सा लगता है,
क्यूंकि जनाब मेरे इस अकेलेपन को वो,
अकेलापन मेहसूस ही नहीं होने देता है।

तन्हाई मे अकेलापन सहा ना जाएगातन्हाई मे अकेलापन सहा ना जाएगा,
पर महफ़िल मे अकेला रहा ना जाएगा,
उनका साथ ना हो फिर भी जिया जाएगा,
पर उनका साथ कोई और हो ये सहा ना जाएगा।


तन्हा दिन तन्हा रातें अकेलेपन में भी याद आती हैं सिर्फ तेरी बातेंतन्हा दिन, तन्हा रातें,
अकेलेपन में भी, याद आती हैं सिर्फ तेरी बातें,
कोशिश कर लूं छुपाने की,
पर बाहर आ ही जाती हैं जज़्बातें।

भीड़ में ये अकेलापन मुझसे मिलने जब आयाभीड़ में ये अकेलापन मुझसे मिलने जब आया,
क्या है ये अकेलापन मुझे समझ में तब आया।

मेरा नसीब अच्छा था जो तेरा दीदार हो गयामेरा नसीब अच्छा था जो तेरा दीदार हो गया,
पहले मैं अकेली थी और अब अकेलेपन की शिकार हो गयी।

जनाब कैसे मुकम्मल हो उस इश्क़ की दास्तांजनाब कैसे मुकम्मल हो उस इश्क़ की दास्तां,
जिसकी फितरत में ही अकेलापन होता है।

आज जो इस अकेलेपन का एहसास हुआ खुद कोआज जो इस अकेलेपन का एहसास हुआ खुद को,
तो समहाल नहीं पाया अपने इन आसुओं को।


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