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Home Akelapan Shayari Akelapan Shayari in Hindi- अकेलापन शायरी इन हिंदी

मुझे मेरा अकेलापन ही कुछ ज्यादा भाता है

मुझे मेरा अकेलापन ही कुछ ज्यादा भाता हैमुझे मेरा अकेलापन ही कुछ ज्यादा भाता है,
इन खोखले बनावटी रिश्तों के बीच दिल घबराता है।

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आज जो इस अकेलेपन का एहसास हुआ खुद कोआज जो इस अकेलेपन का एहसास हुआ खुद को,
तो समहाल नहीं पाया अपने इन आसुओं को।

भीड़ में ये अकेलापन मुझसे मिलने जब आयाभीड़ में ये अकेलापन मुझसे मिलने जब आया,
क्या है ये अकेलापन मुझे समझ में तब आया।

ये अकेलापन सभी को काटता हैये अकेलापन सभी को काटता है,
पर न कोई इसको बाँटता है,
अगर जो कोई चाहे इसको बाँटना,
बुरा भला कह कर सब कोई डाँटता है।

अकेलापन क्या होता है कोई ताजमहल से पूछेअकेलापन क्या होता है कोई ताजमहल से पूछे,
देखने के लिए पूरी दुनिया आती है लेकिन रहता कोई नही।

इस अकेलेपन में भी कितनी वफादारी हैइस अकेलेपन में भी कितनी वफादारी है,
मुझे कभी अकेला नही छोड़ता ये अकेलापन।

मुझे मेरा अकेलापन ही कुछ ज्यादा भाता हैमुझे मेरा अकेलापन ही कुछ ज्यादा भाता है,
इन खोखले बनावटी रिश्तों के बीच दिल घबराता है।

यूँ ही बेवजह न मुझे वो खोजता होगायूँ ही बेवजह न मुझे वो खोजता होगा,
शायद उसे भी ये अकेलापन नोचता होगा।

अब इंतज़ार की आदत सी हो गई हैअब इंतज़ार की आदत सी हो गई है,
खामोशी एक हालत सी हो गई है,
ना शिकवा ना शिकायत है किसी से,
क्यूंकी अब अकेलेपन से मोहब्बत सी हो गई है।

अकेलापन दिलजलों को खूब भाता हैअकेलापन दिलजलों को खूब भाता है,
यादों के मारों को सुकून, तन्हाई में ही मिल पाता है।

ख्वाब बोये थे और अकेलापन काटा हैख्वाब बोये थे, और अकेलापन काटा है,
इस मोहब्बत में यारो, बहुत घाटा है।

बढ़ती नजदीकियों को अक्सर जुदाई में बदलते देखा हैबढ़ती नजदीकियों को अक्सर जुदाई में बदलते देखा है,
आज सोचा अपने अकेलेपन से नजदीकी बढ़ा के तो देखूं।

हम अकेले नही रहते अकेलापन साथ आ जाता हैहम अकेले नही रहते अकेलापन साथ आ जाता है,
हम रोते नही आँखो से दिल का दर्द बयान हो जाता है,
अकेला तो चाँद भी रह जाता है तारो की महफ़िल मे,
जब मानने वाला खुद ही रूठ जाता है।

तन्हाइयों के घरौंदे में हम बस गएतन्हाइयों के घरौंदे में हम बस गए,
जो अकेलेपन की दास्तां सुनाई,
तो मेरी बातों पर लोग हँस दिए।

जनाब इतने मतलबी भी मत बन जाओजनाब इतने मतलबी भी मत बन जाओ,
कि तुम्हें अब दूसरों का अकेलापन भी नजर ना आ पाए,
और इतना अच्छा भी मत बन जाओ,
कि तुम्हें दूसरों की बुराई भी नजर ना आ पाए।

सुनो तुम्हारे जाने के बाद हम कभी अकेलापन महसूस ही नहीं कर पायेंसुनो तुम्हारे जाने के बाद हम कभी,
अकेलापन महसूस ही नहीं कर पायें,
क्या करते कमबख्त तनहाईयों को,
मोहब्बत जो हो गई है हमसे।

क्या कहें कि अकेलापन क्यों मुझे इतना भाता हैक्या कहें कि अकेलापन क्यों मुझे इतना भाता है,
खुद से बातों में अक्सर मेरा वक्त गुज़र जाता है।

अकेलेपन का अज़्मी हो भी तो एहसास कैसे होअकेलेपन का अज़्मी हो भी तो एहसास कैसे हो,
तसलसुल से हमारी शाम-ए-तन्हाई सफ़र में है।

मेरा अकेलापन ही मेरा साथी हैंमेरा अकेलापन ही मेरा साथी हैं,
मुझे किसी और की ज़रूरत नहीं,
क्या करे किसी से रिश्ता जोड़ कर,
जब की मुझे जिंदगी में और दर्द की ज़रूरत नहीं।

कल भी हम तेरे थे आज भी हम तेरे हैकल भी हम तेरे थे, आज भी हम तेरे है,
बस फर्क इतना है,
पहले अपनापन था, अब अकेलापन है।

जनाब खुद से खुद की पहचान करा देता है ये अकेलापनजनाब खुद से खुद की पहचान
करा देता है ये अकेलापन,
लोगो के बीच आपकी एक अलग सी
पहचान बना देता है ये अकेलापन।


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