Dard Bhari Shayari in Hindi - दर्द भरी शायरी इन हिंदी
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दर्द में इस दिल को तड़पते देखा,
अपने सामने हर रिश्ते को बिखरते देखा,
कितने प्यार से सजाये ख्वाबों की दुनिया,
उसी आँखों से अपने उजड़ते देखा।
वो करीब ही न आये तो इज़हार क्या करते,
खुद बने निशाना तो शिकार क्या करते,
मर गए पर खुली रखी आँखें,
इससे ज्यादा किसी का इंतजार क्या करते।
जान से ज्यादा प्यार उन्हें किया करते थे,
याद उन्हें दिन रात किया करते थे,
अब उन राहों से गुज़रा नहीं जाता,
जहाँ बैठकर उनका इंतजार किया करते थे।
कभी रो के मुस्कुराए, कभी मुस्कुरा के रोए,
जब भी तेरी याद आई, तुझे भुला के रोए,
एक तेरा ही नाम था, जिसे हजार बार लिखा,
जितना लिख के ख़ुश हुए, उस से ज्यादा मिटा के रोए।
आखरी बार तेरे प्यार को सजदा कर लू,
लौट के फिर तेरी महफ़िल में नही आऊंगा,
अपनी बर्बाद मोहब्बत का जनाज़ा लेकर,
तेरी दुनिया से बहुत दूर चला जाऊंगा।
हम किसी शख्स से तब तक लड़ते हैं,
जब तक उससे प्यार की उम्मीद होती है,
जिस दिन वो उम्मीद ख़तम हो जाती है,
उस दिन लड़ना भी खत्म हो जाता है।
न वो सपना देखो जो टूट जाये,
न वो हाथ थामो जो छूट जाये,
मत आने दो किसी को करीब इतना,
कि उसके दूर जाने से इंसान खुद से रूठ जाये।
तरसते थे वो हमसे मिलने को कभी,
आज वो मेरी परछाई से कतराते हैं,
हम भी वहीँ हैं दिल भी वहीँ हैं,
जाने कैसे यूँ लोग बदल जाते हैं।
कफ़न न डालो मेरे चेहरे पर,
मुझे आदत है गम में मुस्कुराने की,
रूक जाओ आज की रात न दफनाओ,
मेरी मौत से बनी है मुहूर्त उसके आने की।
मोहब्बत कि ज़ंज़ीर से डर लगता है,
कुछ अपनी तकलीफ से डर लगता है,
जो मुझे तुजसे जुदा करते है,
हाथ कि वो लकीरो से डर लगता है।
हम उम्मीदों की दुनियां बसाते रहे,
वो भी पल पल हमें आजमाते रहे,
जब मोहब्बत में मरने का वक्त आया,
हम मर गए और वो मुस्कुराते रहे।
जो नजर से गुजर जाया करते है,
वो सितारे अक्सर टूट जाया करते है।
कुछ लोग दर्द को बयां नहीं होने देते,
बस चुपचाप बिखर जाया करते हैं।
ज़रा सी ज़िंदगी है, अरमान बहुत हैं,
हमदर्द नहीं कोई, इंसान बहुत हैं,
दिल के दर्द सुनाएं तो किसको,
जो दिल के करीब है, वो अनजान बहुत है।
हर सितम सह कर कितने ग़म छिपाये हमने,
तेरी खातिर हर दिन आँसू बहाये हमने,
तू छोड़ गया जहाँ हमें राहों में अकेला,
बस तेरे दिए ज़ख्म हर एक से छिपाए हमने।
तन्हा रहना तो सीख लिया हमने,
लेकिन खुश कभी ना रह पाएंगे,
तेरी दूरी तो फिर भी सह लेता ये दिल,
लेकिन तेरी मोहब्बत के बिना ना जी पाएंगे।
ये जान गँवा दी, ये जुबां गँवा दी,
हमने तेरे इश्क में दो जहान गँवा दी,
सीने में पड़े थे दिल के हजार टुकड़े,
एक नज़र से तूने उनमें आग लगा दी।
पत्थरों से प्यार किया नादान थे हम,
गलती हुई क्योकि इंशान थे हम,
आज जिन्हें नज़रें मिलाने में तकलीफ होती हैं,
कभी उसी सक्स की जान थे हम।
ना पूछ मेरे सब्र की इंतेहा कहाँ तक हैं,
तू सितम कर ले, तेरी हसरत जहाँ तक हैं,
वफ़ा की उम्मीद, जिन्हें होगी उन्हें होगी,
हमें तो देखना है, तू बेवफ़ा कहाँ तक हैं।
उनका भी कभी हम दीदार करते है,
उनसे भी कभी हम प्यार करते है,
क्या करे जो उनको हमारी जरुरत न थी,
पर फिर भी हम उनका इंतज़ार करते है।
आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा,
कश्ती के मुसाफिर ने समंदर नहीं देखा,
पत्थर मुझे कहता है मेरा चाहने वाला,
मैं मोम हूँ उसने मुझे छू कर नहीं देखा।
रोने से किसी को पाया नहीं जाता,
खोने से किसी को भुलाया नहीं जाता,
वक्त सबको मिलता है जिन्दगी बदलने के लिए,
पर जिन्दगी नहीं मिलती वक्त बदलने के लिए।
आप आँखों से दूर दिल के करीब थे,
हम आपके और आप हमारे नसीब थे,
न हम मिल सके, न जुदा हुये,
रिश्ते हम दोनों के कितने अजीब थे।
हमारे आंसू पोंछ कर वो मुस्कुराते हैं,
उनकी इस अदा से वो दिल को चुराते हैं,
हाथ उनका छू जाये हमारे चेहरे को,
इसी उम्मीद में हम खुद को रुलाते हैं।
मत रख हमसे वफा की उम्मीद,
हमने हर दम बेवफाई पायी है,
मत ढूंढ हमारे जिस्म पे जख्म के निशान,
हमने हर चोट दिल पे खायी है।
पहले कभी ये यादें ये तनहाई थी,
कभी दिल पे मदहोशी छायी ना थी,
जाने क्या असर कर गयीं उसकी बातें,
वरना इस तरह कभी याद किसी की आयी ना थी।
साथ नहीं रहने से रिश्ते नहीं टुटा करते,
वक़्त की धुंध से लम्हे नहीं टुटा करते,
लोग कहते हे मेरा सपना टूट गया,
टूटी नींद है सपने नहीं टुटा करते।
हमारी दास्तां उसे कहां कबूल थी,
मेरी वफायें उसके लिये फिजूल थीं,
कोई आस नहीं लेकिन कोई इतना बतादो,
मैंने चाहा उसे क्या ये मेरी भूल थी।
जिंदगी देने वाले मरता छोड़ गये,
अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये,
जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की,
वो जो साथ चलने वाले रास्ता मोड़ गये।
यह आरजू नहीं कि किसी को भुलाएं हम,
न तमन्ना है कि किसी को रुलाएं हम,
जिसको जितना याद करते हैं,
उसे भी उतना याद आयें हम।
सोते वक़्त भी चेहरा सामने नज़र आए,
क्या मिल जायेगा मुझको प्यार मेरा,
बस यही सोचते सोचते रात गुज़र जाये।
रात की तन्हाई में उसको आवाज़ दिया करते हैं,
रात में सितारों से उनका ज़िक्र किया करते हैं,
वो आयें या ना आयें हमारे ख्वाबों में,
हम तो बस उन्ही का इंतज़ार किया करते हैं।
क़दम क़दम पर बहारों ने साथ छोड़ दिया,
पड़ा जब वक़्त तो अपनों ने साथ छोड़ दिया,
क़सम खाई थी इन सितारों ने, साथ देने की,
सुबह होते ही सितारों ने भी साथ छोड़ दिया।
गम ने हसने न दिया, ज़माने ने रोने न दिया,
इस उलझन ने चैन से जीने न दिया,
थक के जब सितारों से पनाह ली,
नींद आई तो तेरी याद ने सोने न दिया।
मुझ को अब तुझ से भी मोहब्बत नहीं रही,
ऐ ज़िंदगी तेरी भी मुझे ज़रूरत नहीं रही,
बुझ गये अब उस के इंतेज़ार के वो जलते दिए,
कहीं भी आस-पास उस की आहट नहीं रही।
इस दिल की दास्ताँ भी बड़ी अजीब होती है,
बड़ी मुस्किल से इसे ख़ुशी नसीब होती है,
किसी के पास आने पर ख़ुशी हो न हो,
पर दूर जाने पर बड़ी तकलीफ होती है।
प्यास दिल की बुझाने वो कभी आया भी नहीं,
कैसा बादल है जिसका कोई साया भी नहीं,
बेरुखी इससे बड़ी और भला क्या होगी,
एक मुद्दत से हमें उसने सताया भी नही।
कुछ पल की यह मोहब्बत कैसी,
हमसे जुदा होने की ये हसरत कैसी,
अभी तो वादे किये थे प्यार इश्क वफ़ा के,
तो फिर हमसे दूर होने की ये चाहत कैसी।
हमने भी किसी से प्यार किया था,
हाथो मे फूल लेकर इंतेज़ार किया था,
भूल उनकी नही भूल तो हमारी थी,
क्यों की उन्हो ने नही, हमने उनसे प्यार किया था।
मैं मर जाऊ तो मुझे जला देना,
उससे पहले मेरा दिल को निकाल लेना,
मुझे परवाह नहीं इस दिल की जल जाने की,
मुझे परवाह है इस दिल में रहने वाली की।
हर बात में आंसू बहाया नहीं करते,
दिल की बात हर किसी को बताया नहीं करते,
लोग मुट्ठी में नमक लेके घूमते है।
दिल के जख्म हर किसी को दिखाया नहीं करते।
कोई कहता इससे आग लगा दो,
कोई कहता इससे ज़मी पे गार दो,
मगर ज़ालिम ज़माना ये नहीं कहता की,
इससे अपने प्यार से मिला दो।
जोड़कर रिश्ता मोहब्बत का किसी से,
उसे तन्हा अकेले छोड़ा नहीं जाता,
कांच से होते है यह दिल के रिश्ते,
इन दिल के रिश्तों को यु ही तोड़ा नहीं जाता।
गुजर रही है खामोशी से ये ज़िन्दगी,
ना कोई खुशी है ना गम का शोर,
चाहे सौ साल ही क्यों ना इंतजार करना पड़े,
अब उसके सिवा इस दिल में ना आएगा कोई और।
आंखें तो प्यार में दिल की जुबान होती हैं,
सच्ची चाहत तो सदा बे जुबान होती है,
प्यार में दर्द भी मिले तो मत घबराना,
सुना है दर्द से चाहत और जवान होती है।
मुझे दर्द-ए-इश्क़ का मज़ा मालूम है,
दर्द-ए-दिल की इन्तहा मालूम है,
ज़िंदगी भर मुस्कुराने की दुआ मत देना,
मुझे पल भर मुस्कुराने की सज़ा मालूम है।
दिल को ऐसा दर्द मिला जिसकी दवा नहीं,
फिर भी खुश हूँ मुझे उस से कोई शिकवा नहीं,
और कितने अश्क बहाऊँ अब उस के लिए,
जिसको खुदा ने मेरी किस्मत में लिखा ही नहीं।
प्यार सभी को जीना सिखा देता है,
वफ़ा के नाम पे मरना सिखा देता है,
प्यार नहीं किया तो करके देख लो यार,
ज़ालिम हर दर्द सहना सिखा देता है।
मुझको तो दर्द-ए-दिल का मज़ा याद आ गया,
तुम क्यों हुए उदास तुम्हें क्या याद आ गया?
कहने को जिंदगी थी बहुत मुख्तसर मगर,
कुछ यूँ बसर हुई कि खुदा याद आ गया।
जब कहा था तुमने हमारे सपने सच होंगे,
तब यकीन था तुम पर रब से भी ज्यादा,
लेकिन अब विश्वास चूर चूर हो गया है मेरा
शायद तुमने अधूरा छोड़ दिया अपना वादा।
छिपा कर दर्द अपनी हंसी में,
मै अंदर से खोखला हो रहा हूं,
क्या सुन सकता है तू मेरी आवाज़,
मै आज भी सिर्फ तेरे लिए रो रहा हूँ।