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Akelapan Shayari in Hindi- अकेलापन शायरी इन हिंदी

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मेरा अकेलापन ही मेरा साथी हैंमेरा अकेलापन ही मेरा साथी हैं,
मुझे किसी और की ज़रूरत नहीं,
क्या करे किसी से रिश्ता जोड़ कर,
जब की मुझे जिंदगी में और दर्द की ज़रूरत नहीं।

यूँ ही बेवजह न मुझे वो खोजता होगायूँ ही बेवजह न मुझे वो खोजता होगा,
शायद उसे भी ये अकेलापन नोचता होगा।

ये अकेलापन मुझे भाने लगा अबये अकेलापन मुझे भाने लगा अब,
करीब जाना मुझे चौकाने लगा अब।

सुबह से रात और रात से यु ही सुबह हो जाती हैसुबह से रात और रात से यु ही सुबह हो जाती है,
ये अकेलापन खत्म होने का नाम ही नहीं लेता है।

उस की जुस्तजू इंतज़ार और अकेलापनउस की जुस्तजू, इंतज़ार और अकेलापन,
थक कर मुस्कुरा देता हूँ जब रोया नहीं जाता।

क्या करेंगी इस खाली इमारत जैसे दिल का हाल जानकेक्या करेंगी इस खाली इमारत जैसे दिल का हाल जानके,
क्यूंकी अब तो इसे भी अकेलेपन से मोहब्बत सी हो गई है।

अकेलापन अब हमे सताता हैअकेलापन अब हमे सताता है,
दिन मे सपने ओर रातो को जागता है।

अकेलेपन से कोई बैर नही है मुझेअकेलेपन से कोई बैर नही है मुझे,
डरता हूँ की कोई याद ना आ जाये मुझे।

तेरे जाने के बाद मैंने कितनों को यु आज़माया हैंतेरे जाने के बाद मैंने कितनों को यु आज़माया हैं,
मगर कोई भी मेरे इस अकेलेपन को दूर नहीं कर पाया हैं।

ये अकेलापन क्या होता हैये अकेलापन क्या होता है,
ये उस पेड़ में बचे आखिरी पत्ते से पूछो जारा,
जिसने बस पतझड़ के आने की उम्मीद लगा रखी है।

सुन अकेला रहना और अकेलेपन में रहनासुन, अकेला रहना और अकेलेपन में रहना,
वैसा ही है जैसे की मुस्कुराना और गम में रहना।

जनाब कैसे मुकम्मल हो उस इश्क़ की दास्तांजनाब कैसे मुकम्मल हो उस इश्क़ की दास्तां,
जिसकी फितरत में ही अकेलापन होता है।

सुनो तुम्हारे जाने के बाद हम कभी अकेलापन महसूस ही नहीं कर पायेंसुनो तुम्हारे जाने के बाद हम कभी,
अकेलापन महसूस ही नहीं कर पायें,
क्या करते कमबख्त तनहाईयों को,
मोहब्बत जो हो गई है हमसे।

मेरा नसीब अच्छा था जो तेरा दीदार हो गयामेरा नसीब अच्छा था जो तेरा दीदार हो गया,
पहले मैं अकेली थी और अब अकेलेपन की शिकार हो गयी।

कौन कहता है जनाब ये अकेलापन छलता हैकौन कहता है जनाब ये अकेलापन छलता है,
जब जिंदगी की समझ हो जाए तो खुद का साथ भी भाता है।

तन्हाइयों के घरौंदे में हम बस गएतन्हाइयों के घरौंदे में हम बस गए,
जो अकेलेपन की दास्तां सुनाई,
तो मेरी बातों पर लोग हँस दिए।

ख्वाब बोये थे और अकेलापन काटा हैख्वाब बोये थे, और अकेलापन काटा है,
इस मोहब्बत में यारो, बहुत घाटा है।

वो तुम्हारे नज़रिए से अकेलापन हो सकता हैवो तुम्हारे नज़रिए से अकेलापन हो सकता है,
पर मेरे नज़रिए से देखो वो मेरा सुकून है।

आज जो इस अकेलेपन का एहसास हुआ खुद कोआज जो इस अकेलेपन का एहसास हुआ खुद को,
तो समहाल नहीं पाया अपने इन आसुओं को।

तन्हाई मे अकेलापन सहा ना जाएगातन्हाई मे अकेलापन सहा ना जाएगा,
पर महफ़िल मे अकेला रहा ना जाएगा,
उनका साथ ना हो फिर भी जिया जाएगा,
पर उनका साथ कोई और हो ये सहा ना जाएगा।


सूने घरों में रहने वाले कुंदनी चेहरे कहते हैंसूने घरों में रहने वाले कुंदनी चेहरे कहते हैं,
सारी सारी रात अकेलेपन की आग जलाती है।

दीप रातों को जलाके रखिये फूल काँटों में खिलाके रखियेदीप रातों को जलाके रखिये,
फूल काँटों में खिलाके रखिये,
जाने कब घेर ले अकेलापन,
एक-दो दोस्त बनाके रखिये।

अकेलापन एक सज़ा सी हैअकेलापन एक सज़ा सी है,
लेकिन इसमें जीने में भी अपना अलग ही मज़ा है।

जनाब इतने मतलबी भी मत बन जाओजनाब इतने मतलबी भी मत बन जाओ,
कि तुम्हें अब दूसरों का अकेलापन भी नजर ना आ पाए,
और इतना अच्छा भी मत बन जाओ,
कि तुम्हें दूसरों की बुराई भी नजर ना आ पाए।

उफ़ अकेलापन ये कितना बढ़ गया हैउफ़, अकेलापन ये कितना बढ़ गया है,
सबके मोबाइल में केवल सेल्फ़ियाँ हैं।

हमारे इस अकेलेपन ने हमें जीना सीखा दियाहमारे इस अकेलेपन ने हमें जीना सीखा दिया,
बची हमारी ये हसीं तो उसे हमनें पहले ही भुला दिया।

भीड़ में ये अकेलापन मुझसे मिलने जब आयाभीड़ में ये अकेलापन मुझसे मिलने जब आया,
क्या है ये अकेलापन मुझे समझ में तब आया।

कल भी हम तेरे थे आज भी हम तेरे हैकल भी हम तेरे थे, आज भी हम तेरे है,
बस फर्क इतना है,
पहले अपनापन था, अब अकेलापन है।

लिखने का कोई शौक नहीं मुझेलिखने का कोई शौक नहीं मुझे,
बस खुद को यु उलझाए रखा है इसमें,
क्योंकि इस अकेलेपन में तो बस,
सिर्फ उसकी याद आती हैं।

अब इंतज़ार की आदत सी हो गई हैअब इंतज़ार की आदत सी हो गई है,
खामोशी एक हालत सी हो गई है,
ना शिकवा ना शिकायत है किसी से,
क्यूंकी अब अकेलेपन से मोहब्बत सी हो गई है।

हम अकेले नही रहते अकेलापन साथ आ जाता हैहम अकेले नही रहते अकेलापन साथ आ जाता है,
हम रोते नही आँखो से दिल का दर्द बयान हो जाता है,
अकेला तो चाँद भी रह जाता है तारो की महफ़िल मे,
जब मानने वाला खुद ही रूठ जाता है।

मैं अकेलेपन में खुद को तुमसे छिपाते जा रहे हूँमैं अकेलेपन में खुद को तुमसे छिपाते जा रहे हूँ,
अपनी ही नजरों में खुद को गिराते जा रहा हूँ।

मेरे अकेलेपन ने भी क्या खूब साथ निभाया इस ज़िन्दगी मेंमेरे अकेलेपन ने भी क्या खूब साथ निभाया इस ज़िन्दगी में,
कि अब तो आलम ये है कि हम दीवारों से भी बातें करते हैं।

अकेलेपन का अज़्मी हो भी तो एहसास कैसे होअकेलेपन का अज़्मी हो भी तो एहसास कैसे हो,
तसलसुल से हमारी शाम-ए-तन्हाई सफ़र में है।

तन्हा दिन तन्हा रातें अकेलेपन में भी याद आती हैं सिर्फ तेरी बातेंतन्हा दिन, तन्हा रातें,
अकेलेपन में भी, याद आती हैं सिर्फ तेरी बातें,
कोशिश कर लूं छुपाने की,
पर बाहर आ ही जाती हैं जज़्बातें।

अकेलेपन से दिल जाने क्यूँ घबरा रहा हैअकेलेपन से दिल जाने क्यूँ घबरा रहा है,
मुझें वो तेरी बातें फिर से याद दिला रहा है।

बढ़ती नजदीकियों को अक्सर जुदाई में बदलते देखा हैबढ़ती नजदीकियों को अक्सर जुदाई में बदलते देखा है,
आज सोचा अपने अकेलेपन से नजदीकी बढ़ा के तो देखूं।

अकेलापन दिलजलों को खूब भाता हैअकेलापन दिलजलों को खूब भाता है,
यादों के मारों को सुकून, तन्हाई में ही मिल पाता है।

अब मुझे रास आ गया है अकेलापनअब मुझे रास आ गया है अकेलापन,
अब आप अपने वक्त का अचार डालिए।

ये अकेलापन सभी को काटता हैये अकेलापन सभी को काटता है,
पर न कोई इसको बाँटता है,
अगर जो कोई चाहे इसको बाँटना,
बुरा भला कह कर सब कोई डाँटता है।

इस अकेलेपन में भी कितनी वफादारी हैइस अकेलेपन में भी कितनी वफादारी है,
मुझे कभी अकेला नही छोड़ता ये अकेलापन।

जनाब खुद से खुद की पहचान करा देता है ये अकेलापनजनाब खुद से खुद की पहचान
करा देता है ये अकेलापन,
लोगो के बीच आपकी एक अलग सी
पहचान बना देता है ये अकेलापन।

मुझे मेरा अकेलापन ही कुछ ज्यादा भाता हैमुझे मेरा अकेलापन ही कुछ ज्यादा भाता है,
इन खोखले बनावटी रिश्तों के बीच दिल घबराता है।

इस चार दिन की जिंदगी में हम अकेले रह गएइस चार दिन की जिंदगी में,
हम अकेले रह गए,
मौत का इंतजार करते करते,
अकेलेपन से मोहब्बत कर गए।

अकेलापन क्या होता है कोई ताजमहल से पूछेअकेलापन क्या होता है कोई ताजमहल से पूछे,
देखने के लिए पूरी दुनिया आती है लेकिन रहता कोई नही।

अजीब है मेरा अकेलापन ना खुश हूँ ना उदास हूँअजीब है मेरा अकेलापन,
ना खुश हूँ ना उदास हूँ,
बस खाली हूँ और खामोश हूँ।

क्या कहें जनाब कि अकेलापन क्यों इतना भाता हैक्या कहें जनाब कि अकेलापन क्यों इतना भाता है,
खुद से बातों में अक्सर यू ही वक्त गुज़र जाता है।

क्या कहें कि अकेलापन क्यों मुझे इतना भाता हैक्या कहें कि अकेलापन क्यों मुझे इतना भाता है,
खुद से बातों में अक्सर मेरा वक्त गुज़र जाता है।

वो दूर का सितारा दूर हो कर भी अब अपना सा लगता हैवो दूर का सितारा दूर हो कर भी,
अब अपना सा लगता है,
क्यूंकि जनाब मेरे इस अकेलेपन को वो,
अकेलापन मेहसूस ही नहीं होने देता है।

तुम्हारे जाने के बाद हम कभी अकेलापन महसूस ही नहीं कर पायेंतुम्हारे जाने के बाद हम कभी,
अकेलापन महसूस ही नहीं कर पायें,
क्या करते कमबख्त तनहाईयों को,
मोहब्बत जो हो गई है हमसे।




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