जब आप साथ में थे तो,
ज़िन्दगी को मै खुलकर जिया करता था,
लेकिन जबसे आपका साथ छूटा हैं,
ज़िन्दगी का हर दिन बस मुझे काटना पड़ता हैं।
आपका साया मुझे हमेशा,
हर मुसीबत से बचाता रहा हैं,
आज आपके ना होने की वजह से,
मेरी जिंदगी में अकेला पन छा गया है।
आप कि मुश्किलों का,
मुझे अब एहसास होता है,
दुनिया होती है मतलबी और,
घर का हर एक शक्श ख़ास होता है।
कभी रोटी तो कभी पानी है पिता,
कभी बुढ़ापा तो कभी जवानी है पिता,
माँ अगर है मासूम सी लोरी,
तो कभी ना भूल पाऊंगा वो कहानी है पिता।
आपकी कमी खलती है मुझे,
ये खालीपन तड़पता है,
बस यूही यादे दिल मे समेटे,
मेरा वक़्त गुज़रता हैं।
मेरी कामियाबी का राज़ हैं मेरे पापा,
आज वो मेरे साथ तो नहीं हैं लेकिन,
मेरे दिल के बहुत पास हैं मेरे पापा।
मुसीबतों से लड़ना मुझे,
मेरे पापा ने भली भाती सिखाया है,
लेकिन उनके जाने के बाद मैंने,
एक पल भी चैन से नहीं बिताया है।
हालात चाहे कैसे भी हो,
मुझे हमेशा खुश रखा करते थे,
पापा मेरे कभी भी मुझे,
दुखी देखना पसंद नहीं किया करते थे।
यू तो दुनिया के सारे दर्द हंस कर झेल लेता हूं,
मगर जब भी आपकी याद आती है,
आंखों में आए आंसुओं को रोके नहीं पाता हूं।
बस यादों के सिवा कुछ बाकी नहीं,
वह आएंगे ना लौट कर यकीं है हमें,
उनकी यादें ही रह गई हैं अब सिमट कर,
ये महसूस कर आंसू यूं ही निकल आते हैं।
ससुराल में जब भी पिता का जिक्र आता है,
बेटी का दिल भर आता है।
दूर रहकर भी एक-दूसरे की फिक्र,
कुछ ऐसा ही होता है बाप-बेटी का प्यार।