मेरी कामियाबी का राज़ हैं मेरे पापा,
आज वो मेरे साथ तो नहीं हैं लेकिन,
मेरे दिल के बहुत पास हैं मेरे पापा।
आपकी हर डाट मुझे,
आज भी बखूभी याद हैं पापा,
बस आपसे एक बार और डाटे खाने के लिए,
मुझे आपका कई सालो से इंतज़ार हैं पापा।
हालात चाहे कैसे भी हो,
मुझे हमेशा खुश रखा करते थे,
पापा मेरे कभी भी मुझे,
दुखी देखना पसंद नहीं किया करते थे।
बड़े नसीब वाले होते है वह,
जिनके सर पर पिता का हाथ होता हैं,
उनकी सारी ज़िद पूरी हो जाती हैं,
क्योकि उनके साथ पिता होता है।
दिल के हर कोने में है आपके होने का आभास,
गालों पर आपके हाथों की वह थपकी,
दूर रहकर भी कराती है आपके पास होने का एहसास।
आपकी बदौलत ही तो,
मैंने खुद को संभाले रखा था पापा,
अब आपके बिना,
मैं कैसे खुद को संभाल पाउँगा।
जब तक पापा का साथ था,
तब तक हर गम मुझसे दूर था,
लेकिन जब से पापा का साथ छूटा हैं,
तब से हर गम मेरे करीब हैं।
ख्वाहिशें तो पहले बहुत थी मेरी,
लेकिन आपके जाने के बाद केवल आपसे,
एक बार मिलने की एक ही ख्वाहिश हैं मेरी।
मेरी कामियाबी का राज़ हैं मेरे पापा,
आज वो मेरे साथ तो नहीं हैं लेकिन,
मेरे दिल के बहुत पास हैं मेरे पापा।
आपकी कमी खलती है मुझे,
ये खालीपन तड़पता है,
बस यूही यादे दिल मे समेटे,
मेरा वक़्त गुज़रता हैं।
हर डाट मे प्यार जो रहता था,
वो याद बहुत अब आता है,
हर बिता लम्हा अब तो बस,
आँखों मे आंसू लता है।
बस यादों के सिवा कुछ बाकी नहीं,
वह आएंगे ना लौट कर यकीं है हमें,
उनकी यादें ही रह गई हैं अब सिमट कर,
ये महसूस कर आंसू यूं ही निकल आते हैं।
जब आप साथ में थे तो,
ज़िन्दगी को मै खुलकर जिया करता था,
लेकिन जबसे आपका साथ छूटा हैं,
ज़िन्दगी का हर दिन बस मुझे काटना पड़ता हैं।
ससुराल में जब भी पिता का जिक्र आता है,
बेटी का दिल भर आता है।
दूर रहकर भी एक-दूसरे की फिक्र,
कुछ ऐसा ही होता है बाप-बेटी का प्यार।